क्या बिहार में विकास के लिए जनादेश मिला, जंगलराज के लिए नहीं? त्रिपुरा के मुख्यमंत्री
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में एनडीए की जीत विकास के संकेत है।
- जंगलराज की वापसी को नकारा गया है।
- पश्चिम बंगाल अगला राजनीतिक लक्ष्य है।
- लोगों ने विकास के लिए एकजुटता दिखाई है।
- लालू यादव की वापसी की संभावना नहीं।
अगरतला, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की विजय पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि बिहार के लोगों ने एकजुट होकर 'जंगलराज' की वापसी को रोकते हुए एनडीए के तहत विकास के लिए वोट दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। जनता ने 'राजद नेता लालू प्रसाद यादव से जुड़े जंगलराज और गुंडाराज को अस्वीकार कर दिया है।
उन्होंने आगे उल्लेख किया कि इस क्रम में पश्चिम बंगाल अगला राज्य होगा, जहां आगामी वर्ष की शुरुआत में चुनावों में बड़े राजनीतिक बदलाव की संभावना है।
दरअसल, मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शुक्रवार को अगरतला स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे और संबंधित सुविधाओं के उद्घाटन के अवसर पर मीडिया से बात की। उन्होंने बिहार के राजनीतिक रुझानों पर विश्वास व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, “मैं खुद बिहार गया था और चंपारण क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार किया था। मेरे पास जो जानकारी है, उसके अनुसार तीनों सीटों पर एनडीए आगे चल रहा है।”
उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को बधाई देते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व वाली टीम को इस शानदार परिणाम के लिए बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि लालू यादव अब वापसी नहीं कर सकते, क्योंकि उनके अपराध और गुंडाराज से सभी वाकिफ हैं, जो लोगों को पसंद नहीं है।
उन्होंने कहा, “पिछले महीने बिहार चुनाव प्रचार के दौरान, मुझे 100 प्रतिशत विश्वास था कि बिहार के लोग यहां फिर कभी 'जंगलराज' नहीं आने देंगे क्योंकि वे विकास चाहते हैं, जो केवल भाजपा ही दे सकती है।”
उन्होंने पश्चिम बंगाल को भाजपा का अगला लक्ष्य बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में बदलाव होने वाला है।