क्या बिहार में जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठने की आवश्यकता है?

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क्या बिहार में जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठने की आवश्यकता है?

सारांश

मोतिहारी में आईपीएस अधिकारी विकास वैभव ने युवाओं से जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठने की अपील की। उन्होंने बिहार के विकास के लिए स्टार्टअप्स की स्थापना की योजना साझा की। जानिए उनके विचारों और योजनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठने की आवश्यकता।
  • स्टार्टअप्स के माध्यम से रोजगार सृजन।
  • युवाओं की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।
  • 'लेट्स इंस्पायर बिहार' अभियान का विस्तार।
  • बिहार का भविष्य युवाओं के हाथ में है।

मोतिहारी, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के प्रसिद्ध आईपीएस अधिकारी और 'लेट्स इंस्पायर बिहार' अभियान के संचालक विकास वैभव रविवार को मोतिहारी आए। इस अवसर पर उन्होंने बिहार के युवाओं और राज्य के विकास के लिए अपनी कल्पना साझा की। उन्होंने बिहार के युवाओं से जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठने की अपील की।

वैभव ने कहा कि उनका लक्ष्य 2028 तक बिहार के प्रत्येक जिले में कम से कम पांच स्टार्टअप स्थापित करना है, जिससे हर जिले में 100 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके।

उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में बदलाव केवल राजनीतिक दलों के भरोसे संभव नहीं है, क्योंकि यहाँ जातिवाद एक बड़ी बाधा है।

विकास वैभव ने कहा, "चुनाव के समय बिहार के वोटरों के सामने दो विकल्प होते हैं। एक तरफ सुयोग्य उम्मीदवार, जो बिहार को बदल सकता है, और दूसरी तरफ भ्रष्ट या अपराधी उम्मीदवार, जो उनकी जाति का हो। दुर्भाग्यवश, लोग अक्सर अपनी जाति के उम्मीदवार को ही चुनते हैं। इस सोच को बदलने की जरूरत है।"

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठकर बिहार के विकास के लिए एकजुट हों। 'लेट्स इंस्पायर बिहार' अभियान के तहत वैभव ने शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने बताया कि यह अभियान अब तक बिहार के सभी जिलों और देश-विदेश में 1600 से अधिक कार्यक्रम आयोजित कर चुका है।

इनमें बेगूसराय, सासाराम, छपरा और वैशाली जैसे शहरों में हुए जनसंवाद शामिल हैं, जहां हजारों लोग बिहार को 2047 तक विकसित बनाने के संकल्प से जुड़े हैं।

वैभव ने कहा कि बिहार का भविष्य युवाओं के हाथ में है। स्टार्टअप्स के जरिए हम न केवल रोजगार सृजन करेंगे, बल्कि बिहार से पलायन को भी रोकेंगे।"

उन्होंने नवादा में हाल ही में आयोजित 'स्टार्टअप एंड बिजनेस समिट 2025' का जिक्र किया, जहां उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि बिहार में जातिवाद और संप्रदायवाद एक बड़ी सामाजिक चुनौती हैं। विकास वैभव जैसे युवा नेताओं का उदय इस दिशा में महत्वपूर्ण है। उनके विचारों से न केवल युवाओं में जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि राज्य के समग्र विकास में भी सहायक होगी।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

विकास वैभव का लक्ष्य क्या है?
उनका लक्ष्य 2028 तक बिहार के प्रत्येक जिले में पांच स्टार्टअप स्थापित करना है।
जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठने का क्या महत्व है?
यह बिहार के विकास के लिए आवश्यक है ताकि युवा एकजुट होकर आगे बढ़ सकें।