क्या बीजापुर में सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हुआ?

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क्या बीजापुर में सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हुआ?

सारांश

बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ ने एक नक्सली की मौत और भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी की खबर दी है। क्या यह माओवादी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की जीत का संकेत है? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • बीजापुर में मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया।
  • सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए।
  • माओवादी संगठन की संरचना बिखर रही है।
  • सुरक्षाबलों की कार्रवाई से माओवादी गतिविधियों में कमी आ रही है।
  • आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के लाभ के लिए माओवादियों को प्रेरित किया जा रहा है।

बीजापुर, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एक नक्सली का शव और भारी मात्रा में हथियार बरामद किया गया है।

बीजापुर के थाना भैरमगढ़ के इंद्रावती क्षेत्र के जंगलों में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग का सिलसिला जारी है।

इंद्रावती क्षेत्र में आदवाड़ा-कोटमेटा के जंगलों में माओवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने पर डीआरजी बीजापुर ने एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि इस अभियान के दौरान शुक्रवार सुबह छह बजे से मुठभेड़ जारी है। अब तक सर्च ऑपरेशन में मुठभेड़ स्थल से एक माओवादी का शव, रायफल, 9 एमएम पिस्टल सहित विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।

मारे गए माओवादी की पहचान बीजापुर के गोरना निवासी फगनू माड़वी (35) के रूप में की गई है, जिसके खिलाफ 5 लाख रुपए का इनाम था। उसके पास से .303 रायफल, 1 मैग्जीन, 9 एमएम पिस्टल, 2 स्कैनर सेट, रेडियो, मेडिकल किट, कार्डेक्स वायर, माओवादी पिटठू और अन्य सामग्री भी मिली है।

बस्तर रेंज के आईजीपी सुन्दरराज पट्टलिंगम ने कहा कि वर्ष 2025 में सुरक्षाबलों की प्रभावी और समन्वित कार्रवाई के चलते बस्तर में माओवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने कहा कि माओवादी संगठन की पूरी संरचना बिखर चुकी है।

आईजीपी ने सभी सक्रिय माओवादियों से हिंसा का मार्ग त्यागने और सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाने की अपील की।

बीजापुर एंटी-नक्सल ऑपरेशंस के लिए एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र बना हुआ है। हाल के वर्षों में यहाँ सबसे अधिक माओवादियों को समाप्त किया गया है।

सुरक्षा बलों ने हाल ही में बस्तर डिवीजन में कई मुठभेड़ों में माओवादियों को मार गिराया है, जिससे 2025 में पूरे राज्य में मारे गए माओवादियों की संख्या 280 से अधिक हो गई है।

अधिकारी मानते हैं कि माओवादियों का प्रभाव कमजोर हो रहा है, जो मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के केंद्र सरकार के लक्ष्य के अनुसार है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अकेले बीजापुर जिले में 2025 में 144 माओवादियों को समाप्त किया गया, साथ ही 500 से अधिक गिरफ्तारियां और 560 आत्मसमर्पण हुए हैं।

Point of View

बल्कि यह माओवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने का एक प्रयास भी है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि देश माओवाद के खात्मे की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

बीजापुर में मुठभेड़ कब हुई थी?
बीजापुर में मुठभेड़ 19 दिसंबर को हुई थी।
इस मुठभेड़ में कितने हथियार बरामद हुए?
इस मुठभेड़ में एक रायफल, 9 एमएम पिस्टल और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।
क्या मारे गए नक्सली का इनाम था?
हाँ, मारे गए नक्सली पर 5 लाख रुपए का इनाम था।
बीजापुर में माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई का क्या महत्व है?
यह कार्रवाई माओवादियों के प्रभाव को कम करने और क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या माओवादी संगठन कमजोर हो रहा है?
जी हाँ, अधिकारियों का मानना है कि माओवादी संगठन का प्रभाव कमजोर हो रहा है।
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