क्या बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में सुरक्षा बलों और माओवादी के बीच मुठभेड़ जारी है?

सारांश
Key Takeaways
- बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में मुठभेड़ जारी है।
- डीआरजी के दो जवान घायल हुए हैं लेकिन उनकी स्थिति स्थिर है।
- सुरक्षा बलों को माओवादी के घायल होने की आशंका है।
- केंद्र सरकार नक्सलवाद के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है।
- आत्मसमर्पण नीति के तहत माओवादियों को मुख्यधारा में शामिल होने की अपील।
बीजापुर, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र में माओवादी विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों और माओवादी के बीच सोमवार से प्रारंभ हुई मुठभेड़ मंगलवार को भी लगातार जारी है। इस ऑपरेशन में डीआरजी के दो जवानों के घायल होने की सूचना प्राप्त हुई है।
यह अभियान सोमवार (11 अगस्त) को जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की टीम द्वारा संचालित किया गया था। इस दौरान माओवादी ठिकानों की खोज और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। मुठभेड़ के दौरान डीआरजी के दो जवान हल्के से घायल हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, दोनों जवानों की स्थिति स्थिर है और वे किसी भी खतरे से बाहर हैं। उन्हें प्राथमिक चिकित्सा के बाद बेहतर उपचार के लिए हेलिकॉप्टर से रायपुर भेजा जा रहा है।
सुरक्षा बलों को संदेह है कि इस मुठभेड़ में कई माओवादी भी घायल हुए हैं, हालांकि उनकी सटीक संख्या और पहचान की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। अभियान के समापन के बाद विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
इससे पहले, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 7 अगस्त को नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली थी। यहां 24 लाख रुपए के इनामी सहित 9 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। इसके अलावा, सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान एक माओवादी को मार गिराया था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आधिकारिक एक्स हैंडल पर यह जानकारी साझा की थी।
जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2023 से अब तक राज्य में लगभग 450 माओवादी मारे जा चुके हैं। इसके अलावा, 1,500 से ज्यादा माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 1,500 से अधिक माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया है। उन्होंने नक्सलियों से यह भी अपील की है कि वे मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाएं और जल्द ही हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हों।