क्या बिजली मुफ्त योजना से 3375 करोड़ का अतिरिक्त भार होगा? सम्राट चौधरी का बयान

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में 125 यूनिट तक बिजली का 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
- इस योजना से 3375 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- 1.67 करोड़ परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
- कुटीर ज्योति योजना के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का खर्च सरकार वहन करेगी।
- पीएम सूर्य घर योजना से अगले 25 वर्षों तक बिजली का कोई शुल्क नहीं होगा।
पटना, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पूर्व, सरकार ने 125 यूनिट बिजली तक अनुदान देने की घोषणा की है। बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इस योजना पर कुल 3375 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकार पर पड़ेगा।
पटना में एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सहायता योजना की शुरुआत की है। इसके माध्यम से 125 यूनिट बिजली पर 100 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा। पहले सरकार 15995 करोड़ रुपये का अनुदान देती थी, जबकि इस वित्तीय वर्ष में 3375 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बिहार में 1.82 करोड़ परिवार घरेलू बिजली का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें से 1.67 करोड़ परिवार 125 यूनिट से कम बिजली का प्रयोग करते हैं। इन परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलने की संभावना है। ये उपभोक्ता प्रति माह 125 यूनिट से कम बिजली का उपयोग करते हैं।
उन्होंने बताया कि इसका लाभ उपभोक्ताओं को 1 अगस्त, 2025 से, यानी जुलाई माह के बिल से ही मिलने लगेगा। राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इसके साथ ही, कुटीर ज्योति योजना के अंतर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार हर घर पर सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। पीएम सूर्य घर योजना की सफलता के कारण अगले 25 वर्षों तक घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इससे लोगों को एक नई व्यवस्था स्थापित करने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने पहले भी सामाजिक पेंशन की राशि बढ़ाई है। यह कोई मुफ्त योजना नहीं है; यह सरकार द्वारा दिया गया अनुदान है। सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए और भाजपा का मानना है कि बिहार के लोगों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में हमारा अनुदान एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।