क्या 'बर्डमैन ऑफ इंडिया' सलीम अली का जन्मदिन है एक विशेष मौका?

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क्या 'बर्डमैन ऑफ इंडिया' सलीम अली का जन्मदिन है एक विशेष मौका?

सारांश

डॉ. सलीम अली, जिन्हें 'बर्डमैन ऑफ इंडिया' कहा जाता है, ने पक्षियों के संरक्षण और अध्ययन में अद्वितीय योगदान दिया। उनकी कहानी में धैर्य, प्रेम और ज्ञान की एक अनूठी यात्रा है। जानिए उनकी प्रेरणादायक यात्रा के बारे में और उनके कार्यों के प्रभाव को।

Key Takeaways

  • डॉ. सलीम अली का जीवन पक्षियों के प्रति प्रेम और धैर्य का प्रतीक है।
  • उन्होंने पक्षियों की भाषा को समझने के लिए कई तकनीकें विकसित कीं।
  • उनका योगदान भारत में पक्षी संरक्षण में महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डॉ. सलीम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली भारत के सबसे प्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ, वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता और प्रकृतिवादी थे। उन्होंने भारत में पक्षियों के अध्ययन और संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जिसके कारण आज हम पक्षियों के बारे में गहराई से जान पाते हैं।

अगर वे नहीं होते, तो शायद हम पक्षियों का व्यवस्थित सर्वेक्षण और उनके बारे में जानकारी इतनी आसानी से नहीं प्राप्त कर पाते। इसी कारण उन्हें 'बर्डमैन ऑफ इंडिया' की उपाधि दी गई है।

डॉ. सलीम अली का जन्म 12 नवंबर 1896 को मुंबई के एक सुलेमानी बोहरा मुस्लिम परिवार में हुआ था। वे अपने माता-पिता के नौवें पुत्र थे, लेकिन जब वे केवल एक वर्ष के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया और तीन वर्ष की आयु में उनकी माता भी चल बसीं।

बचपन से ही सलीम की प्रकृति और पक्षियों में गहरी रुचि थी। उन्होंने 1913 में 10वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर परिवार के व्यवसाय के चलते बर्मा (अब म्यांमार) चले गए।

वहां के जंगलों में विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देखकर उनके मन में पक्षी विज्ञान के प्रति गहरी रुचि जगी। कुछ वर्षों बाद वे लौटकर नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के म्यूजियम में कार्य करने लगे। लेकिन, उनका मन और अध्ययन की चाह उन्हें जर्मनी ले गई, जहां उन्होंने प्रसिद्ध जीवविज्ञानी इरविन स्ट्रेसमैन से पक्षी विज्ञान का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

सन 1930 में वे भारत लौटे और विभिन्न क्षेत्रों में जाकर पक्षियों का अध्ययन करने लगे।

सलीम अली का कहना था कि पक्षियों की भाषा को समझने के लिए धैर्य और प्रेम की आवश्यकता होती है। उन्होंने पक्षियों को बिना हानि पहुंचाए पकड़ने के 100 से अधिक तरीके खोजे, जो आज भी पक्षी वैज्ञानिकों द्वारा उपयोग किए जाते हैं। भरतपुर पक्षी विहार (केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।

उन्होंने कई प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं, जैसे द बुक ऑफ इंडियन बर्ड्स, हैंडबुक ऑफ द बर्ड्स ऑफ इंडिया एंड पाकिस्तान और द फॉल ऑफ अ स्पैरो। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे कई महत्वपूर्ण सम्मान प्राप्त हुए।

Point of View

बल्कि यह हमें प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी का भी एहसास कराता है। उनकी मेहनत और समर्पण ने हमें पक्षियों की विविधता को जानने का मौका दिया। यह एक ऐसा उदाहरण है, जो हमें प्रकृति के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा देता है।
NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

सलीम अली कौन थे?
डॉ. सलीम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली भारत के प्रमुख पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे।
सलीम अली ने क्या योगदान दिया?
उन्होंने पक्षियों के अध्ययन और संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए और कई प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं।
उन्हें कौन-कौन से सम्मान मिले?
उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे कई बड़े सम्मान प्राप्त हुए।