क्या भारत एआई के नए युग में प्रवेश कर रहा है? इंडियाएआई मिशन के लिए 10,300 करोड़ रुपए का बजट, 38,000 जीपीयू तैनात
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने 10,300 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है।
- 38,000 जीपीयू का तैनात होना एआई विकास को तेज करेगा।
- एआई का उपयोग कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा में किया जा रहा है।
- भारत की टेक इंडस्ट्री की कमाई 280 अरब डॉलर के पार जाने की उम्मीद है।
- स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एआई का उपयोग बढ़ रहा है।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नए युग में कदम रख रहा है। सरकार ने ‘इंडियाएआई मिशन’ के तहत अगले 4 वर्षों में 10,300 करोड़ रुपए से अधिक का बजट निर्धारित किया है। इसके साथ ही देश में 38,000 जीपीयू भी स्थापित किए गए हैं, जिससे एआई संबंधित कार्यों में तेजी आएगी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार का उद्देश्य है कि मजबूत कंप्यूटिंग सुविधाएं विकसित की जाएं, भारत में एआई मॉडल का निर्माण किया जाए और स्टार्टअप्स को भरपूर समर्थन मिले। इससे आम जनता को भी लाभ होगा और देश में नई तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा।
एआई का उपयोग अब कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और सरकारी कार्यों में भी किया जा रहा है, जिससे लोगों की जीवनशैली में सुधार हो रहा है। इंडियाएआई मिशन, डिजिटल श्रमसेतु और नए एआई मॉडल के विकास की योजनाएं यह सुनिश्चित कर रही हैं कि प्रौद्योगिकी हर नागरिक तक पहुंचे और रिसर्च, स्किल और रोजगार को बढ़ावा मिले।
वर्तमान में भारत में लगभग 60 लाख लोग टेक्नोलॉजी और एआई सेक्टर में कार्यरत हैं। भारतीय टेक उद्योग की कुल कमाई इस वर्ष 280 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। अनुमान है कि एआई साल 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 1.7 ट्रिलियन डॉलर का योगदान दे सकता है।
भारत में 1,800 से अधिक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स हैं, जिनमें 500 से अधिक एआई पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, देश में 1.8 लाख से अधिक स्टार्टअप्स हैं और पिछले वर्ष शुरू हुए लगभग 89 प्रतिशत स्टार्टअप्स ने एआई का उपयोग किया।
नैसकॉम एआई एडॉप्शन इंडेक्स पर भारत को 4 में से 2.45 अंक प्राप्त हुए हैं, जो दर्शाता है कि लगभग 87 प्रतिशत कंपनियां एआई तकनीक का उपयोग कर रही हैं।
एआई का सबसे अधिक उपयोग उद्योग, ऑटोमोबाइल, रिटेल, बैंकिंग, बीमा और हेल्थकेयर सेक्टर में हो रहा है, जो कि एआई के कुल मूल्य का लगभग 60 प्रतिशत योगदान करते हैं।
बीसीजी के हालिया सर्वे के अनुसार, 26 प्रतिशत भारतीय कंपनियां बड़े पैमाने पर एआई का सफल उपयोग कर रही हैं। इसके अलावा, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में भारत को एआई के क्षेत्र में दुनिया में तीसरा स्थान मिला है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ये सभी प्रयास भारत को वैश्विक एआई लीडर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं और ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को साकार करने में मदद करेंगे।