क्या भाजपा ने बिहार चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तैयार की है?

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क्या भाजपा ने बिहार चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तैयार की है?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा ने उत्तर प्रदेश के सांसदों और विधायकों को प्रभारी बनाकर एक प्रभावी रणनीति तैयार की है। यह योजना भाजपा के लिए चुनावी मैदान में अपने सामर्थ्य को मजबूत करने का एक कदम है। जानें कैसे यह निर्णय चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

Key Takeaways

  • भाजपा ने उत्तर प्रदेश के नेताओं को बिहार में प्रभारी बनाया है।
  • गृहमंत्री अमित शाह ने सभी प्रवासी प्रतिनिधियों की बैठक की है।
  • यह रणनीति चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
  • भाजपा का उद्देश्य बिहार चुनाव में जीत हासिल करना है।

लखनऊ, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने जीत की रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी ने उत्तर प्रदेश के सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को बिहार के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों का प्रभारी नियुक्त किया है।

भाजपा ने अपने प्रवासी प्रतिनिधियों को बिहार में सक्रिय कर दिया है। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के लोगों को भी यहाँ लाया गया है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को पूरे चुनाव में सहप्रभारी का कार्य सौंपा गया है। वह चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मिलकर रणनीति को मजबूत करेंगे। इसके अतिरिक्त, यूपी के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को आरा लोकसभा का प्रभारी नियुक्त किया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री पंकज चौधरी को पश्चिम चंपारण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी प्रकार, राजकुमार चाहर को शिवहर, मोहित बेनीवाल को किशनगंज, उपेन्द्र तिवारी को दरभंगा, संगमलाल गुप्ता को मुजफ्फरपुर, विनोद सोनकर को सीवान, रेखा वर्मा को पटना साहिब, उजियारपुर के लिए सुब्रत पाठक, सतीश गौतम को बक्सर, सतीश द्विवेदी को हाजीपुर, सतीश शर्मा को करकट, राघव लखनपाल को जहानाबाद, महेश शर्मा को औरंगाबाद, डाक्टर भोला सिंह को मधुबनी, संजय गंगवार को झांझरपुर और शलभमणि त्रिपाठी को जमुई लोकसभा का प्रभारी बनाया गया है।

प्रत्येक लोकसभा में सांसद, मंत्री और विधायकों को जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। इन सभी प्रवासी लोगों की बैठक गृहमंत्री अमित शाह और संगठन मंत्री बीएल संतोष द्वारा संचालित की जा रही है। गृह मंत्री शाह ने सभी को कमल खिलाने का कार्य सौंपा है। साथ ही, जिला, मंडल, शक्ति केंद्र और बूथ स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित करने पर ध्यान देने को कहा गया है।

हाजीपुर लोकसभा प्रभारी और यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी का कहना है, "यह कोई नई बात नहीं है। हर विधानसभा चुनाव में विभिन्न राज्यों के लोगों को प्रचार की जिम्मेदारी दी जाती है, ठीक वैसे ही जैसे यूपी के चुनाव में बिहार के लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी, क्योंकि पूर्वांचल और बिहार की संस्कृति एक समान है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भाजपा की यह रणनीति चुनावी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। विभिन्न राज्यों की संस्कृति और उनकी राजनीतिक भागीदारी का यह उदाहरण दर्शाता है कि भाजपा अपने चुनावी आधार को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा ने बिहार चुनाव के लिए कौन-कौन से सांसदों को प्रभारी बनाया है?
भाजपा ने कई सांसदों और विधायकों को प्रभारी बनाया है, जैसे कि केशव प्रसाद मौर्या, स्वतंत्र देव सिंह, और पंकज चौधरी।
भाजपा की रणनीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भाजपा का मुख्य उद्देश्य बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना और अपने राजनीतिक आधार को मजबूत करना है।