क्या भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बाढ़ और कटाव क्षेत्रों का जायजा लिया?

सारांश
Key Takeaways
- बाढ़ और कटाव की समस्या पर गहरी चर्चा हुई।
- विस्थापितों की समस्याओं को सुना गया।
- सरकार की लापरवाही पर निशाना साधा गया।
- राहत और पुनर्वास की मांग की गई।
- भाकपा (माले) ने सुरक्षा और सेवा की गारंटी की बात की।
बिहार: भोजपुर में भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बाढ़ और कटाव प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। आरा, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उन्होंने जवइनिया, नौरंगा और अन्य गांवों में जाकर बाढ़ और कटाव की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ राज्य सचिव कुणाल, आरा सांसद सुदामा प्रसाद, काराकाट विधायक अरुण सिंह, डुमरांव विधायक अजित कुमार सिंह और अगिआंव विधायक शिवप्रकाश रंजन समेत कई स्थानीय नेता उपस्थित थे। उन्होंने कटाव क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए विस्थापितों के साथ बातचीत की। दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि यह समस्या सरकार की लापरवाही के कारण उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि गंगा का कटाव कोई नई समस्या नहीं है, लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज किया है। उन्होंने बताया कि ढाई महीने बीत जाने के बावजूद पीड़ितों की सूची अब तक पूरी नहीं हुई है और मुआवजे की कोई व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जो पहली सूची बनाई गई थी, उसमें भी कई असली पीड़ितों के नाम हटा दिए गए हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि पूरी सूची को सार्वजनिक करना और सभी को इसका लाभ दिलवाना हमारी साझा लड़ाई है। भाकपा (माले) की मांग है कि लोगों को जमीन के बदले जमीन और मकान के बदले मकान दिया जाए। पुनर्वास उनका अधिकार है, दया नहीं। उन्होंने कहा कि इस आपदा के दौरान राज्य और केंद्र सरकार और जिला प्रशासन तीनों असफल हुए हैं। स्वास्थ्य सेवा, बच्चों की शिक्षा, पीने का पानी, शौचालय, और सुरक्षा की गारंटी सरकार को देनी चाहिए। इन सभी मांगों को पार्टी जिला, राज्य और केंद्र स्तर पर उठाएगी। सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि नीतीश सरकार ने पहले जमीन का पर्चा बांटा और फिर वापस ले लिया, जो एक अपमान है। उन्होंने कोइलवर से बक्सर तक पक्का बांध बनाने की मांग की।