क्या भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र को एक हफ्ता बढ़ाने की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक भाजपा ने शीतकालीन सत्र को बढ़ाने की मांग की है।
- आर. अशोक ने स्पीकर को लिखित अनुरोध दिया है।
- राज्य में कानून व्यवस्था के मुद्दे गंभीर हैं।
- सत्र बढ़ाने से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा संभव होगी।
- कांग्रेस सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए गए हैं।
बेलगावी (कर्नाटक), 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक भाजपा ने सुवर्ण सौधा में चल रहे बेलगावी शीतकालीन सत्र को एक हफ्ते बढ़ाने की मांग की है, जो 19 दिसंबर को समाप्त होने वाला है।
विपक्ष के नेता आर. अशोक ने इस सिलसिले में स्पीकर यूटी खादर को एक लिखित अनुरोध प्रस्तुत किया है।
उन्होंने सोमवार को कहा, "मैंने स्पीकर यूटी खादर को बेलगावी के सुवर्ण सौधा में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र को एक हफ्ते बढ़ाने के लिए एक लिखित अनुरोध सौंपा है।"
अशोक ने कहा, "सदस्यों ने उत्तर कर्नाटक से जुड़े कई गंभीर मुद्दे उठाए हैं, जिन पर मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। इसके अलावा, सदस्यों को राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति और विभिन्न सरकारी विभागों में फंड के उपयोग में खराब प्रदर्शन सहित कई महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करने के लिए पर्याप्त समय चाहिए।"
अशोक ने कहा, "इस संदर्भ में मुझे विश्वास है कि स्पीकर मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे और विधानसभा सत्र को एक हफ्ते के लिए बढ़ा देंगे।"
स्पीकर खादर को लिखे पत्र में कहा गया है, "बेलगावी में 8 से 19 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, विभिन्न कारणों से कुल 10 दिनों में से दो दिन का सत्र कम कर दिया गया। राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण और आवश्यक मुद्दे चर्चा के लिए लंबित हैं। इन मामलों पर विचार-विमर्श करने और समाधान खोजने के लिए सत्र को एक हफ्ते बढ़ाने की मांग की गई है।"
अशोक ने राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "2025-26 वित्तीय वर्ष के साढ़े आठ महीने पहले ही बीत चुके हैं, अब सिर्फ 3.5 महीने बचे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा 47 सरकारी विभागों को बजट में आवंटित 4.09 लाख करोड़ रुपए में से अब तक सिर्फ 2.06 लाख करोड़ रुपए ही खर्च किए गए हैं। ये आंकड़े कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों की सच्चाई दिखाते हैं।"
उन्होंने बताया, "खासकर, आईटी/बीटी, ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे और श्रम मंत्री संतोष एस. लाड के विभागों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।"