क्या राहुल गांधी को वोट चोरी के आरोपों पर माफी मांगनी चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने राहुल गांधी से सार्वजनिक माफी मांगी।
- बिहार चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष बताया गया।
- राहुल गांधी के आरोपों को भाजपा ने बेबुनियाद कहा।
- सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की विश्वसनीयता को सही ठहराया।
- कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया गया।
चेन्नई, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के बाद से वोट चोरी के आरोपों का मामला और भी गरमाता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु शाखा ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से बिना किसी शर्त के सार्वजनिक माफी मांगने का आग्रह किया है।
तमिलनाडु भाजपा के प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने बिहार के नतीजों के बाद बार-बार वोट चोरी, ईवीएम की छेड़छाड़ और भारतीय चुनाव आयोग के काम पर सवाल उठाए हैं। इन आरोपों के माध्यम से उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता के विश्वास को कमजोर करने का प्रयास किया है।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुए, जिससे विपक्ष के सभी दावे पूरी तरह से गलत साबित हो गए हैं।
भाजपा प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने बताया कि मतदान के समय राज्य में न तो बूथ कैप्चरिंग की कोई घटना हुई और न ही किसी मतदान में असुविधा की शिकायत मिली। ऐसा लगता है कि कांग्रेस हार को स्वीकार नहीं कर पा रही और मनगढ़ंत और भ्रामक बातों का प्रचार कर रही है। बिहार चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी ने कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं, जिनमें उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव शुरू से ही अनुचित थे और उन्होंने सीसीटीवी
भाजपा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार ईवीएम-वीवीपैट सिस्टम की विश्वसनीयता को सही ठहराया है और पहले से मौजूद मजबूत सुरक्षा उपायों के कारण 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन की मांगों को गैर जरूरी बताकर ठुकरा दिया है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा कि एक परिपक्व लोकतंत्र में असहमति संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ लगातार झूठ बोलने का लाइसेंस नहीं बन सकती। चुनाव अधिकारियों की विश्वसनीयता पर बार-बार हमले सार्वजनिक विश्वास और सामाजिक स्थिरता को कमजोर कर सकते हैं।
भाजपा ने राहुल गांधी से अपील की कि वे मौजूदा शीतकालीन सत्र में बिना शर्त माफी मांगें और 2025 के बिहार चुनावों के संबंध में चुनाव आयोग पर लगाए गए सभी आरोपों को औपचारिक रूप से वापस लें। भाजपा ने कहा कि ऐसा न करने पर उनकी राजनीतिक विरासत पर एक स्थायी दाग लग जाएगा।
सरकारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी में भी पुनर्मतदान या पुनर्गणना की रिक्वेस्ट नहीं डाली गई है और ईवीएम और वीवीपैट के परिणाम 100 फीसदी मिलते हैं। दोनों में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है।