क्या बीएमसी चुनाव नतीजों के बाद राज ठाकरे दिखा पाएंगे अपना चेहरा? भाजपा नेता परिणय फुके का बयान
सारांश
Key Takeaways
- बीएमसी चुनाव में शिवसेना और एमएनएस का गठबंधन दरअसल डर की निशानी है।
- भाजपा नेता का कहना है कि दोनों भाई केवल स्वार्थ के लिए साथ आए हैं।
- राज ठाकरे के भाषण की संभावना पर प्रश्न उठाए गए हैं।
नागपुर, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीएमसी चुनाव के संदर्भ में शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस के गठबंधन पर भाजपा नेता परिणय फुके ने कहा कि यह गठबंधन केवल डर के चलते हुआ है।
नागपुर में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए भाजपा नेता ने बताया कि नगर पंचायत के चुनावों में महायुति की जीत ने दोनों भाइयों को घबराहट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव में जीरो पर आउट होने के डर से ये दोनों भाई गठबंधन कर कुछ सीटें हासिल करना चाहते हैं। कुछ सीटों पर उनकी पार्टियां तैयारी भी कर रही हैं।
भाजपा नेता परिणय फुके ने कहा कि यह गठबंधन स्वार्थ के लिए है और आम जनता की समस्याओं से इनको कुछ भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि यह औरंगजेब की कब्र क्या, संभाजी नगर में मामू की पार्टी में जाकर भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत के चुनाव में जिस प्रकार जनता ने इन्हें धूल चटाई है, उसी डर के कारण आज ये एक साथ आए हैं।
उन्होंने विश्वास जताया कि बीएमसी चुनाव में लगभग सात से आठ पार्टियां चुनाव लड़ेंगी, और इन दोनों भाइयों की पार्टियां सातवें और आठवें स्थान पर रहने वाली हैं। राज ठाकरे के भाषण को लेकर परिणय फुके ने कहा कि चुनाव होने के बाद राज ठाकरे बोलने लायक भी नहीं रहेंगे। 16 जनवरी को परिणाम आने के बाद वे अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे।
कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने पर भाजपा नेता ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस का जो पतन हुआ है, उससे वह खत्म हो रही है। इन दोनों भाइयों ने मिलकर कांग्रेस को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
वंचित बहुजन अघाड़ी और कांग्रेस के गठबंधन पर भाजपा नेता ने कहा कि पहले वंचित अघाड़ी को भाजपा की बी टीम कहा जाता था, अब वही कांग्रेस उसके साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में जा रही है। कांग्रेस को बताना चाहिए कि असल में किसकी बी टीम है।