क्या बोकारो रेलवे साइडिंग पर अपराधियों ने की अंधाधुंध गोलीबारी?

सारांश
Key Takeaways
- बोकारो में हुई गोलीबारी ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाया है।
- एक चालक गंभीर रूप से घायल हुआ है।
- पुलिस ने जांच शुरू की है और छापेमारी कर रही है।
- यह घटना संगठित अपराध का हिस्सा हो सकती है।
- सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है।
बोकारो, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के बोकारो जिले के बांधडीड स्थित रेलवे साइडिंग पर मंगलवार को अपराधियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। इस हमले में आस्था कंस्ट्रक्शन कंपनी का एक चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को तत्काल बोकारो जनरल अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दो हथियारबंद अपराधी अचानक रेलवे साइडिंग पर आए और चालक को निशाना बनाकर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। उसे पांच गोलियां लगी हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और जांच शुरू की। चास एसडीपीओ और थाना प्रभारी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी प्रारंभ कर दी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार हमले के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन हर पहलू की जांच की जा रही है। झारखंड में रेलवे साइडिंग पर गोलीबारी की यह पहली घटना नहीं है। हाल के महीनों में कई स्थानों पर इस तरह की वारदातें हुई हैं। 18 अगस्त को चतरा जिले के पिपरवार में अमन साहू गिरोह द्वारा राजधर रेलवे साइडिंग के पास एक डंपर पर फायरिंग की गई थी, जिसके कारण कोयले की ट्रांसपोर्टिंग घंटों बाधित रही।
10 जुलाई को लातेहार के टोरी रेलवे कोल साइडिंग पर राहुल दुबे गैंग ने हमला किया था। इस दौरान एक हाइवा में आग लगाई गई और गोलीबारी की गई। 13 जून को रामगढ़ जिले के भुरकुंडा रेलवे साइडिंग कार्यालय पर भी राहुल दुबे गैंग ने रंगदारी वसूली के लिए फायरिंग की थी। इन घटनाओं के पीछे संगठित आपराधिक गिरोह हैं, जो ठेकेदारों और कंपनियों से रंगदारी वसूलने के लिए साइडिंग को निशाना बना रहे हैं। बोकारो की घटना को भी इसी कड़ी में देखा जा रहा है।