क्या ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने इजरायल के हमलों पर चिंता जताई?

सारांश
Key Takeaways
- ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने इजरायल के हमलों की निंदा की।
- तत्काल और स्थायी युद्धविराम का आह्वान किया गया।
- बहुपक्षीयता को बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- मानवाधिकारों की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया गया।
- विकासशील देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की बात हुई।
नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र के तहत ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में यूएन के एजेंडे से जुड़े विभिन्न राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और सतत विकास के मुद्दों पर चर्चा की गई। ब्रिक्स देशों ने इन मुद्दों पर सहयोग और भागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही, मंत्रियों ने इजरायल के हमलों की तीव्र निंदा करते हुए तत्काल और स्थायी युद्धविराम का आह्वान किया।
विदेश मंत्रियों ने बहुपक्षवाद, बहुध्रुवीयता और अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने विकासशील देशों और उभरते बाजारों के साथ-साथ कम विकसित देशों को वैश्विक निर्णयों में शामिल करने के लिए सही तालमेल बिठाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस दौरान, समानता के सिद्धांत के तहत मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। ब्रिक्स मंत्रियों ने मानवीय संकटों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
इंटरनेशनल प्रतिक्रियाओं की कमी और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन करने वाले कार्यों की कड़ी निंदा की गई। इस बैठक में मंत्रियों ने महिलाओं के अधिकारों और नेतृत्व को बढ़ावा देने के साथ ही शांति और सुरक्षा के एजेंडे पर प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक में 2022 से 2025 तक इंडोनेशिया, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे विकासशील देशों को जी20 की अध्यक्षता मिलने की सराहना की गई।
बैठक के दौरान इजरायल के हमलों की निंदा की गई। विदेश मंत्रियों ने कतर पर इजरायल के हमले को कतर की संप्रभुता और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि ये हमले क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा हैं।
मंत्रियों ने फिलिस्तीन के गाजा में इजरायल के हमलों पर चिंता व्यक्त की। इजरायल के हमले वहां की नागरिक आबादी के लिए अभूतपूर्व पीड़ा का कारण बन रहे हैं। उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के विस्थापन के सभी प्रयासों की निंदा की और तत्काल और स्थायी युद्धविराम के लिए अपने आह्वान को दोहराया।
विदेश मंत्रियों ने परमाणु खतरे और संघर्ष के बढ़ते जोखिमों पर भी चिंता प्रकट की। उन्होंने निरस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और अप्रसार प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में ब्रिक्स मंत्रियों की बैठक आयोजित करने के लिए भारत की सराहना की और 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता और भारत में 18वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत को समर्थन दिया।
-- राष्ट्र प्रेस
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