क्या बीएसएफ ने राजौरी में शहीदों को श्रद्धांजलि दी?

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क्या बीएसएफ ने राजौरी में शहीदों को श्रद्धांजलि दी?

सारांश

राजौरी में बीएसएफ ने एक भावुक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया। 2002 में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए पांच वीर जवानों को याद किया गया। इस घटना ने पूरे देश को एकजुट कर दिया। जानें कैसे बीएसएफ ने शहीदों और उनके परिवारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

Key Takeaways

  • राजौरी में बीएसएफ ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
  • शहीदों ने आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
  • बीएसएफ ने शहीदों के परिवारों से संवाद किया।
  • राष्ट्र हमेशा शहीदों के बलिदान के प्रति कृतज्ञ रहेगा।
  • बीएसएफ शहीदों के परिवारों के प्रति प्रतिबद्ध है।

राजौरी, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गुरुवार को राजौरी में एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया, जिसमें मंडी मंदिर बटालियन के पांच वीर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को नमन किया गया। इन शहीदों ने 11 सितंबर 2002 को सुरनकोट, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के दौरान मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

इस श्रद्धांजलि समारोह में शहीद जवानों के नामों का उल्लेख किया गया, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी और देश के लिए अदम्य साहस का परिचय दिया। इनमें कांस्टेबल मनिराल कांति देबनाथ, कांस्टेबल अशोक कुमार भाई, कांस्टेबल शिव कुमार, कांस्टेबल मिट्टू घोष और कांस्टेबल अंकुल देबनाथ शामिल थे। इन जवानों ने आतंकवादी हमले के दौरान देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।

इस अवसर पर बीएसएफ अधिकारियों ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके साहस एवं बलिदान को याद किया। शहीदों के परिजनों और निकट संबंधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया गया। इस संवाद के दौरान बीएसएफ ने उन्हें यह आश्वासन दिया कि राष्ट्र उनके प्रियजनों के बलिदान के लिए सदैव कृतज्ञ रहेगा। इसके साथ ही, बीएसएफ ने यह भी कहा कि वे हर परिस्थिति में शहीदों के परिवारों की आवश्यकताओं को पूरा करने और सहयोग प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

बीएसएफ जम्मू ने इस अवसर पर शहीदों के अद्वितीय बलिदान को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "एक शहीद कभी नहीं मरता, वह सदैव राष्ट्र के हृदय में जीवित रहता है।"

बीएसएफ जम्मू ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में कहा, "राष्ट्र सदैव उनके प्रियजनों के बलिदान के लिए कृतज्ञ रहेगा और बीएसएफ हर परिस्थिति में उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने और सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

Point of View

हमें हमेशा अपने सैनिकों और शहीदों के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए। उनके बलिदान की कीमत समझना और उनके परिवारों के प्रति सहयोग करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यह न केवल उनकी याद को सम्मानित करता है, बल्कि हमें एकजुट भी करता है।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

बीएसएफ ने श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन क्यों किया?
बीएसएफ ने 2002 में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए पांच वीर जवानों की याद में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया।
शहीदों के नाम कौन से हैं?
शहीदों में कांस्टेबल मनिराल कांति देबनाथ, कांस्टेबल अशोक कुमार भाई, कांस्टेबल शिव कुमार, कांस्टेबल मिट्टू घोष और कांस्टेबल अंकुल देबनाथ शामिल हैं।
बीएसएफ ने शहीदों के परिवारों के लिए क्या किया?
बीएसएफ ने शहीदों के परिवारों से संवाद किया और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने का आश्वासन दिया।