क्या कलकत्ता हाईकोर्ट ने कुणाल घोष को मिथुन चक्रवर्ती पर टिप्पणी करने से रोका?

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क्या कलकत्ता हाईकोर्ट ने कुणाल घोष को मिथुन चक्रवर्ती पर टिप्पणी करने से रोका?

सारांश

कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष को मिथुन चक्रवर्ती पर सार्वजनिक टिप्पणियां करने से तीन महीने के लिए रोक दिया है। यह मामला घोष द्वारा चक्रवर्ती के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों से संबंधित है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और क्या हो सकता है आगे।

Key Takeaways

  • लॉ के प्रति सम्मान आवश्यक है।
  • सार्वजनिक हस्तियों को जवाबदेह ठहराना जरूरी है।
  • छवि की रक्षा भी महत्वपूर्ण है।
  • कानूनी कारवाई के प्रभावों को समझना चाहिए।
  • राजनीति और फिल्म उद्योग का घनिष्ठ संबंध है।

कोलकाता, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष को अगले तीन महीनों तक सुपरस्टार और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के बारे में किसी भी प्रकार की 'सार्वजनिक टिप्पणी' करने से मना किया।

न्यायमूर्ति अरिंदम मुखर्जी की एकल पीठ ने चक्रवर्ती द्वारा घोष के खिलाफ दायर १०० करोड़ रुपए के मानहानि के मुकदमे की सुनवाई करते हुए घोष को यह निर्देश दिया।

मानहानि याचिका में, चक्रवर्ती ने घोष पर कुछ सार्वजनिक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया था जो न केवल उनके बारे में, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों के बारे में भी अपमानजनक थीं। चक्रवर्ती ने अपनी याचिका में शिकायत की कि घोष द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों से उनकी सामाजिक छवि भी धूमिल हुई है।

बुधवार को जब मामला सुनवाई के लिए आया, तो चक्रवर्ती के वकील ने अदालत में दलील दी कि घोष द्वारा सार्वजनिक रूप से की गई अपमानजनक टिप्पणियों ने न केवल चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों की सामाजिक छवि को धूमिल किया है, बल्कि एक अभिनेता के रूप में उनकी पेशेवर संभावनाओं को भी प्रभावित किया है।

इस मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद, एकल पीठ ने घोष को इस मामले में नोटिस जारी करने का निर्देश दिया और उन्हें अगले तीन महीनों तक चक्रवर्ती के बारे में किसी भी प्रकार की 'सार्वजनिक टिप्पणी' करने से भी रोक दिया।

हाल ही में, घोष ने सुपरस्टार पर चिटफंड संस्थाओं के साथ कथित संलिप्तता का आरोप लगाते हुए कई सार्वजनिक टिप्पणियां की थीं। घोष ने चक्रवर्ती पर राजनीतिक खेमा बदलने को लेकर निशाना साधा था।

चक्रवर्ती ने तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव पर उनके बेटे और पत्नी के बारे में अपमानजनक और असत्य टिप्पणियां करने का भी आरोप लगाया। शुरुआत में, चक्रवर्ती ने घोष को एक कानूनी नोटिस भेजा था। हालांकि, जब नोटिस का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया।

इस मामले की अगली सुनवाई इसी साल दिसंबर में निर्धारित की गई है।

Point of View

इस मामले में हमें कानून के प्रति सम्मान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाये रखने की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक हस्तियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए, लेकिन साथ ही हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी छवि और प्रतिष्ठा को अनावश्यक रूप से नुकसान न पहुंचे।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कुणाल घोष को क्यों रोका?
क्योंकि उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ सार्वजनिक टिप्पणियां की थीं जिन्हें चक्रवर्ती ने अपमानजनक माना।
इस मामले की अगली सुनवाई कब है?
इस मामले की अगली सुनवाई दिसंबर में निर्धारित की गई है।
क्या मिथुन चक्रवर्ती ने कोई कानूनी कार्रवाई की थी?
हाँ, उन्होंने कुणाल घोष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।