क्या सीबीआई ने केंद्रीय विद्यालय के क्लर्क को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में कार्रवाई की।
- रिश्वत की राशि 60 हजार रुपए थी।
- अपराधी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया।
- यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को दर्शाती है।
- रिश्वतखोरी के खिलाफ जागरूकता जरूरी है।
भोपाल, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश के देवास में स्थित केंद्रीय विद्यालय बैंक नोट प्रेस में कार्यरत एक वरिष्ठ सचिवालय सहायक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा और गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने सुरक्षा कर्मियों के ठेकेदार से 60 हजार रुपए की रिश्वत ली। एक अधिकारी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी।
सीबीआई ने खेड़ापति सिक्योरिटी सर्विस के निदेशक विनीत राणा से लिखित शिकायत मिलने के बाद मंगलवार को मामला दर्ज किया।
सीबीआई के अनुसार, राणा ने आरोप लगाया कि सीनियर सेक्रेटेरिएट असिस्टेंट रंजन भारती ने सुरक्षा और मानव संसाधन सेवाओं से संबंधित 3.84 लाख रुपए के बिलों को मंजूरी देने के लिए 60 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
जांच एजेंसी ने उसी दिन जाल बिछाकर आरोपी को बैंकिंग माध्यम से 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहाँ विशेष अदालत ने आरोपी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि उपरोक्त शिकायत और सत्यापन से प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत पाए गए हैं।
राणा ने अपनी शिकायत में सीबीआई को बताया कि उन्हें 1 मई, 2025 को केंद्रीय विद्यालय में सुरक्षा सेवा कर्मियों की आपूर्ति के लिए निविदा दी गई थी।
राणा ने कहा कि उनकी एजेंसी के सेवा प्रदान करने के पहले महीने से संबंधित दो बिल अभी भी लंबित हैं, क्योंकि भारती ने उन्हें तुरंत भुगतान करने से इनकार कर दिया है।
राणा ने बताया कि भारती ने इशारों में बिल चुकाने का संकेत दिया था और कुछ कमीशन के बदले बिल पास करने की बात कही थी।
राणा ने केंद्रीय जांच एजेंसी को दिए अपने आवेदन में कहा कि मेरा भारती से कोई लेना-देना नहीं है और मैं उन्हें कोई रिश्वत नहीं देना चाहता।