क्या सीबीआई कोर्ट ने 2006 के रिश्वतखोरी मामले में पूर्व रेलवे इंजीनियर को सजा सुनाई?

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क्या सीबीआई कोर्ट ने 2006 के रिश्वतखोरी मामले में पूर्व रेलवे इंजीनियर को सजा सुनाई?

सारांश

सीबीआई कोर्ट ने एक पूर्व रेलवे अधिकारी को 2006 के रिश्वतखोरी मामले में एक वर्ष की सजा सुनाई। इस मामले में रिश्वत के आरोपों की गहरी जांच की गई, जिससे न्याय की प्रक्रिया का महत्व स्पष्ट होता है। यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • रिश्वतखोरी के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए।
  • सीबीआई की जांच प्रक्रियाएँ प्रभावी हैं।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ समाज में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
  • न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए।

नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को लगभग दो दशक पुराने रिश्वतखोरी के एक मामले में एक पूर्व रेलवे अधिकारी को एक वर्ष की कैद की सजा सुनाई।

कोर्ट ने पश्चिम गोदावरी जिले के भीमावरम में दक्षिण मध्य रेलवे में सहायक मंडल अभियंता के रूप में कार्यरत मट्टा धर्म राव को एक ठेकेदार से रिश्वत मांगने और स्वीकार करने का दोषी ठहराया।

सीबीआई के अनुसार एक रेलवे ठेकेदार की शिकायत के बाद 29 नवंबर 2006 को मामला दर्ज किया गया था। जांचकर्ताओं ने पाया कि धर्म राव ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए एक डिजिटल कैमरा, चार्जर और बैटरी रिश्वत के रूप में मांगी थी।

यह रिश्वत कथित तौर पर 1.87 लाख रुपए के बिल को पास करने के इनाम के रूप में और 77 हजार रुपए के एक अतिरिक्त लंबित बिल को पास करने के लिए प्रलोभन के रूप में ली गई थी। सीबीआई ने अपनी जांच पूरी करने के बाद 11 जून, 2007 को राव के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। उन्हें लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने दोषी पाया और एक वर्ष की कैद और 1,500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

वहीं, गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के एक अधिकारी को चार वर्ष की कैद और 50 हजार रुपए का जुर्माना और एक अन्य व्यक्ति को तीन वर्ष की कैद और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

आरोपियों के नाम बिनोद कुमार (सहायक, मेरठ खादी और ग्रामोद्योग आयोग) और सुरेंद्र उर्फ ​​सनी खुराना हैं।

सीबीआई के अनुसार उसने 15 सितंबर, 2017 को आरोपी बिनोद कुमार और सुरेंद्र के खिलाफ रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में मामला दर्ज किया था।

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग में सहायक एवं जिला समन्वयक के पद पर रहते हुए आरोपी बिनोद कुमार और सुरेंद्र ने एक सीमेंट टाइल निर्माण इकाई के लिए अमान्य ऋण आवेदन को संसाधित करने के लिए 1,25,000 रुपए की रिश्वत लेने की साजिश रची।

Point of View

यह मेरा मानना है कि इस प्रकार के मामले हमारे समाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण हैं। न्याय की यह प्रक्रिया केवल एक व्यक्ति को सजा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को यह संदेश देती है कि कानून सभी के लिए समान है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

सीबीआई कोर्ट ने किस मामले में सजा सुनाई?
सीबीआई कोर्ट ने 2006 के रिश्वतखोरी मामले में पूर्व रेलवे अधिकारी मट्टा धर्म राव को सजा सुनाई।
मट्टा धर्म राव को कितनी सजा मिली?
उन्हें एक वर्ष की कैद और 1,500 रुपए का जुर्माना सुनाया गया।
रिश्वत के आरोप में कौन-कौन से अधिकारी शामिल थे?
गाजियाबाद में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अधिकारी बिनोद कुमार और सुरेंद्र उर्फ सनी खुराना भी रिश्वतखोरी के आरोप में शामिल थे।
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