क्या रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में कड़ी कार्रवाई की है।
- गिरफ्तार किए गए लोग आयकर विभाग के अधिकारी हैं।
- रिश्वत की मांग का मामला सामने आया था।
- सीबीआई की कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती का संकेत मिलता है।
- जांच एजेंसी ने आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा।
पटना, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रिश्वतखोरी के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। सीबीआई ने पटना स्थित आयकर विभाग के सहायक निदेशक सहित तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
सीबीआई ने शिकायतकर्ता से ₹2 लाख की रिश्वत लेने के आरोप में पटना के आयकर विभाग के तीन अधिकारियों को पकड़ा, जिसमें सहायक निदेशक (आईआरएस), आयकर (जांच), निरीक्षक और मल्टी-टास्किंग स्टाफ शामिल हैं।
सीबीआई ने मंगलवार को पटना में आरोपियों के तीन स्थानों पर छापे मारे। इसके बाद, जांच एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ शिकायतकर्ता से पहले से जब्त की गई ₹13 लाख की राशि को छोड़ने और उसके खिलाफ आगे कोई जांच न करने के बदले ₹2 लाख की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने का मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता के बहनोई से एयरपोर्ट पर ₹13 लाख की राशि जब्त की गई थी, जिसकी सूचना आयकर विभाग को दी गई थी।
सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। कार्रवाई के दौरान एजेंसी ने ₹2 लाख की रिश्वत राशि भी बरामद की। आरोपी आईआरएस अधिकारी के निर्देश पर और उनकी ओर से ₹2 लाख एकत्र किए गए। सीबीआई की विशेष अदालत-1, पटना ने आरोपियों को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार आरोपियों में पटना आयकर (जांच) के सहायक निदेशक और आईआरएस अधिकारी आदित्य सौरभ, आयकर विभाग के निरीक्षक मनीष कुमार पंकज, और मल्टी टास्किंग स्टाफ शुभम राज शामिल हैं।