क्या संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस की आवश्यकता है? : मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस जरूरी है।
- विपक्ष की शर्तें संसदीय कार्यवाही को प्रभावित करती हैं।
- राजनीति में सकारात्मक विचार-विमर्श का होना आवश्यक है।
- सरकार की सहमति और चेयर की अनुमति महत्वपूर्ण हैं।
- देश इस समय अमृत काल में है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान विपक्ष के हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस होनी चाहिए।
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि देश चाहता है कि अगर संसद पर रुपये खर्च हो रहे हैं, तो बहस की गुणवत्ता भी वैसी ही होनी चाहिए। हमें ऐसी राजनीति से आगे बढ़ना होगा। अगर आप (विपक्ष) शरारत से शर्तें तय करते हैं तो इसका मतलब है कि आप अराजकता और व्यवधान के जरिए संसदीय कार्यवाही को हाईजैक करने के इरादे से आगे बढ़ रहे हैं। सभी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और सभी को उस चर्चा में भाग लेना चाहिए। लेकिन यहां पर चर्चा से ज्यादा चुहलबाजी होती है, ऐसे में न मुद्दों पर चर्चा हो पाएगी और न ही सकारात्मक विचार-विमर्श हो पाता है। दूसरा, विपक्ष शर्तों के साथ विषयों पर चर्चा चाहता है कि पहले सवाल का जवाब कौन देगा यह बताओ। जबकि यह सरकार का विशेषाधिकार है।
उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली में सरकार की सहमति के साथ चेयर की अनुमति दोनों चीजें जरूरी हैं, राज्यसभा के चेयरमैन और लोकसभा में स्पीकर हैं। कई ऐसे मुद्दे होते हैं जिस पर सरकार की सहमति होती है, लेकिन चेयर अनुमति नहीं देती है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कम्युनिस्ट और कांग्रेस पार्टियों पर खासकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि छद्म धर्मनिरपेक्षता का चैंपियन बनने के लिए कम्युनिस्ट और कांग्रेस पार्टियों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा चल रही है। दिल्ली में वे कम्युनिस्ट पार्टी के दोस्त हैं और केरल में उनके खिलाफ लड़ते हैं। इस खींचतान से किसी भी वास्तविक समस्या का समाधान नहीं निकलता।
अब्बास नकवी एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि देश इस समय अमृत काल में है। इस पवित्र यात्रा में पूरे देश की आस्था और प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। देश की सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान के लिए लोग एकजुट हैं। हाल ही में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश दौरे पर गया था, इसमें भी सकारात्मक नतीजे ही मिले हैं।