क्या झारखंड में कोयला ट्रांसपोर्टिंग में अवैध वसूली के मामले में सीबीआई ने की कार्रवाई?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने कोयला परिवहन में अवैध वसूली के मामले में कार्रवाई की।
- गिरफ्तारी में संगठित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ।
- जांच में कई महत्वपूर्ण सबूत जुटाए गए हैं।
- सीबीआई ने गिद्दी क्षेत्र में निगरानी रखी थी।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
रांची, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की रांची स्थित एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने मंगलवार को रामगढ़ जिले के गिद्दी क्षेत्र में कोयला परिवहन में अवैध वसूली के मामले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान सात व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों पर कोयला कारोबारियों से कमीशन के नाम पर जबरन वसूली करने का आरोप लगाया गया है।
एसीबी ने इस मामले में आरसी 9 (ए)/2025-आर के तहत एक केस दर्ज किया था। जांच के दौरान, सीबीआई की टीम ने गिद्दी क्षेत्र में कई बार छापेमारी की और सबूत जुटाए। इसके परिणामस्वरूप, मंगलवार को सीसीएल के तीन कर्मचारियों अनिल कुमार, दीपक कुमार और नरेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। इन पर आरोप है कि इन्होंने कोयला कारोबारियों से लेन-देन की प्रक्रिया में अनियमित तरीके से वसूली की।
सीबीआई ने इस प्रकरण में चार अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया है, जिनमें मो. सद्दाम, इसराइल अंसारी, मो. तबारक और अरुण लाल शामिल हैं। ये सभी कथित रूप से कोयला लिफ्टर और दलाल के रूप में कार्य कर रहे थे। इन पर कोयले की रोड सेल प्रक्रिया में अवैध रूप से ट्रक पास कराने और कोयला उठाने की अनुमति दिलाने के बदले नाजायज रकम वसूली का आरोप है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, लंबे समय से गिद्दी क्षेत्र में कोयला परिवहन से जुड़े कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से कमीशन वसूला जा रहा था। इसकी शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने निगरानी शुरू की और कई दिनों तक क्षेत्र में गतिविधियों पर नजर रखी। जांच में सामने आया कि आरोपी संगठित तरीके से काम कर रहे थे और कोयला कारोबारियों पर दबाव बनाकर वसूली कर रहे थे। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा। मामले की आगे की जांच जारी है और सीबीआई इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका भी खंगाल रही है।