क्या सीबीआई ने निजी कंपनी के एमडी समेत दो लोगों को बैंक गारंटी घोटाले में गिरफ्तार किया?

Click to start listening
क्या सीबीआई ने निजी कंपनी के एमडी समेत दो लोगों को बैंक गारंटी घोटाले में गिरफ्तार किया?

सारांश

सीबीआई ने इंदौर की एक निजी कंपनी के एमडी समेत दो व्यक्तियों को 183 करोड़ रुपए के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में गिरफ्तार किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसकी जड़ें क्या हैं।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने 183 करोड़ रुपए के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में कार्रवाई की।
  • इंदौर की एक निजी कंपनी के एमडी समेत दो लोग गिरफ्तार।
  • जाली बैंक गारंटियों के माध्यम से धोखाधड़ी की गई।
  • मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर कार्रवाई हुई।
  • जांच में आगे की कार्रवाइयों की संभावना है।

इंदौर, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 183 करोड़ रुपए की एक फर्जी बैंक गारंटी घोटाले के सिलसिले में इंदौर स्थित एक निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर की गई है।

सीबीआई ने इस मामले में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। आरोप है कि इंदौर की एक निजी कंपनी ने मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (एमपीजेएनएल) को जाली बैंक गारंटी पेश करके धोखाधड़ी की है।

साल 2023 में इस कंपनी ने मध्य प्रदेश के छतरपुर, सागर और डिंडोरी जिलों में लगभग 974 करोड़ रुपए की तीन सिंचाई परियोजनाएं हासिल की थीं। इन ठेकों को पक्का करने के लिए कंपनी ने 183.21 करोड़ रुपए की आठ फर्जी बैंक गारंटी पेश कीं। इन जाली गारंटियों के आधार पर कंपनी ने एमपीजेएनएल से लगभग 85 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान भी प्राप्त किया।

सीबीआई की जांच में पता चला है कि इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के आधिकारिक डोमेन जैसे दिखने वाले फर्जी ईमेल का प्रयोग किया।

इन ईमेल के माध्यम से एमपीजेएनएल को बैंक गारंटियों की सही स्थिति की झूठी पुष्टि भेजी गई। इन्हीं झूठी पुष्टियों पर भरोसा करते हुए एमपीजेएनएल ने कंपनी को 974 करोड़ रुपये के ठेके दे दिए।

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को इंदौर के विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया।

इससे पहले 5 सितंबर को केंद्रीय जांच एजेंसी ने यूएई से वांछित भगोड़े हर्षित बाबूलाल जैन का प्रत्यर्पण किया। टैक्स चोरी, अवैध जुआ और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हर्षित बाबूलाल जैन वांछित था।

इससे पहले सीबीआई ने गुजरात पुलिस के अनुरोध पर 9 अगस्त 2023 को इंटरपोल के माध्यम से हर्षित बाबूलाल जैन के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया था। आरोपी को यूएई से भारत लाया गया और अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उसे गुजरात पुलिस के हवाले किया गया।

पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय करके 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे घोटालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

सीबीआई ने किस मामले में गिरफ्तारी की?
सीबीआई ने 183 करोड़ रुपए के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में गिरफ्तारी की।
गिरफ्तार लोगों में कौन-कौन शामिल हैं?
गिरफ्तार लोगों में इंदौर स्थित एक निजी कंपनी का प्रबंध निदेशक और एक अन्य व्यक्ति शामिल है।
इस घोटाले में कंपनी ने किस तरह की धोखाधड़ी की?
कंपनी ने जाली बैंक गारंटी प्रस्तुत कर मध्य प्रदेश जल निगम से ठेके हासिल किए।
सीबीआई की कार्रवाई का आधार क्या था?
यह कार्रवाई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर की गई थी।
क्या इस मामले में और भी गिरफ्तारी हो सकती है?
जांच जारी है, इसलिए अन्य गिरफ्तारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।