क्या मेरठ में सीबीआई ने सीजीएचएस के अतिरिक्त निदेशक और अन्य को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई की कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
- 50 लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तारियाँ हुई हैं।
- सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में पारदर्शिता की आवश्यकता है।
मेरठ, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मेरठ में केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के अतिरिक्त निदेशक और कार्यालय अधीक्षक को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 50 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में की गई है।
सीबीआई के अनुसार, सीजीएचएस के अतिरिक्त निदेशक अजय कुमार, कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और एक निजी व्यक्ति रईस अहमद को 50 लाख रुपए की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई मेरठ के एक निजी अस्पताल समूह के संचालन निदेशक की शिकायत पर की गई।
सीबीआई के अनुसार, यह मामला 12 अगस्त 2025 को दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि दो सरकारी कर्मचारियों ने शिकायतकर्ता के मेडिकल समूह द्वारा संचालित दो अस्पतालों को सीजीएचएस की सूची से हटाने से बचाने के लिए 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
शिकायतकर्ता मेरठ और उसके आसपास अलग-अलग नामों से कई अस्पताल चलाता है। 8 जुलाई 2025 को सीजीएचएस टीम ने अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया और कमियों का हवाला देते हुए नोटिस जारी किया, जिसका उद्देश्य अस्पतालों से रिश्वत वसूलना था।
अतिरिक्त निदेशक ने 50 लाख रुपए की रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 5 लाख रुपए स्वीकार करने पर सहमति जताई। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाकर 12 अगस्त 2025 को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते समय दोनों सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्ति को रंगे हाथों पकड़ लिया।
आरोपियों के आवासीय परिसरों की तलाशी ली जा रही है और मामले में जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने रिश्वत मामलों में पहले भी कई बड़ी कार्रवाइयाँ की हैं।
सीबीआई ने 5 अगस्त को दिल्ली में भी बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें एक एमसीडी अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।