क्या म्यूल अकाउंट के जरिए साइबर ठगी में दो बैंक अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने म्यूल अकाउंट खोलने के मामले में कार्रवाई की है।
- गिरफ्तार व्यक्तियों में बैंक अधिकारियों का शामिल होना है।
- साइबर अपराध की जांच अभी जारी है।
नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर कठोर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने म्यूल अकाउंट खोलने और संचालित करने के आरोप में दो बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार किया। ये खाते संगठित साइबर अपराधियों के साथ साजिश करके खोले गए थे, जिनका उपयोग ऑनलाइन धोखाधड़ी में पैसों के लेन-देन के लिए किया जा रहा था।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में शालिनी सिन्हा (पूर्व असिस्टेंट मैनेजर, केनरा बैंक, पटना) और अभिषेक कुमार (पूर्व बिजनेस डेवलपमेंट एसोसिएट, एक्सिस बैंक, पटना) शामिल हैं।
सीबीआई के अनुसार, साइबर अपराध से जुड़े एक मामले की जांच के दौरान डिजिटल उपकरणों का विश्लेषण करने पर पता चला कि दोनों बैंक अधिकारियों ने साइबर ठगों के साथ मिलकर म्यूल अकाउंट्स खोलने और उन्हें सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने इन खातों के माध्यम से अवैध धनराशि के लेन-देन में साइबर अपराधियों की सहायता की और उन्हें बताया कि सिस्टम द्वारा उत्पन्न होने वाले रेड फ्लैग्स से कैसे बचा जाए।
सीबीआई ने यह भी दावा किया कि आरोपियों ने इस साजिश के तहत साइबर ठगों से क्विड प्रो क्वो, यानी बदले में लाभ भी प्राप्त किया।
गौरतलब है कि सीबीआई पहले ही इस मामले में देशभर के ६१ स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है और म्यूल अकाउंट्स खोलने और संचालित करने के आरोप में १३ लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
सीबीआई ने बताया कि दोनों बैंक अधिकारियों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। शालिनी सिन्हा को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से और अभिषेक कुमार को बेतिया (बिहार) से पकड़ा गया। दोनों को ट्रांजिट रिमांड के तहत संबंधित अदालत में पेश किया जा रहा है।
सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में अन्य बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच जारी है।