क्या सीबीआई ने मुंबई में सीजीएसटी अधीक्षक को पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में कार्रवाई की है।
- आरोपी ने 98 लाख रुपये के कर बकाया का फर्जी दावा किया था।
- तलाशी के दौरान 18.30 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद हुई।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
- यह मामला सीबीआई की सक्रियता का परिचायक है।
मुंबई, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई में स्थित सीजीएसटी ऑडिट-प्रथम के अधीक्षक को शिकायतकर्ता से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने 22 दिसंबर को एक निजी कंपनी के निदेशक द्वारा दी गई लिखित शिकायत पर कार्रवाई की, जिसमें सीजीएसटी के अधीक्षक पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था।
आरोपी सीजीएसटी अधीक्षक ने 26 नवंबर को शिकायतकर्ता की कंपनी का ऑडिट किया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपी ने निजी कंपनी के खिलाफ 98 लाख रुपये के कर बकाया का फर्जी दावा करने की धमकी दी और मामले को निपटाने के लिए 20 लाख रुपये रिश्वत मांगे।
बातचीत के बाद आरोपी ने शिकायतकर्ता की कंपनी की कथित कर देनदारी को कम करने के बदले 17 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार करने पर सहमति जताई। रिश्वत की आंशिक राशि 5 लाख रुपये 22 दिसंबर को देने की मांग की गई थी। सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपी को रिश्वत की आंशिक राशि 5 लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
सीबीआई ने आरोपी के आवास पर छापेमारी की, जहां 18.30 लाख रुपये की बेहिसाब और अस्पष्ट नकदी बरामद हुई। तलाशी के दौरान अप्रैल 2025 की 40.315 लाख रुपये की संपत्ति और जून 2024 की 32.10 लाख रुपये की एक अन्य संपत्ति की खरीद के दस्तावेज मिले।
आरोपी के कार्यालय में भी तलाशी ली गई और निजी कंपनी के लिए तैयार की जा रही ऑडिट रिपोर्ट से संबंधित डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए।
इससे पहले, सीबीआई ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें स्वर्गीय डी.के. अधिकेसवालु के बेटे डीए श्रीनिवास, उनकी बेटी डीए कल्पना और कर्नाटक पुलिस के डिप्टी एसपी एसवाई मोहन शामिल हैं। एसवाई मोहन वर्तमान में स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन (एसएचआरसी), बेंगलुरु में तैनात हैं।
सीबीआई ने इन सभी पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी करने, कीमती सिक्योरिटीज की जालसाजी करने, सरकारी स्टाम्प और मुहरों की नकल बनाने, सबूत नष्ट करने और झूठे सबूत तैयार करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।