क्या सीबीआई ने 'रिवर्स ट्रैप' के तहत 22 लाख की रिश्वत देते हुए दो लोगों को पकड़ा?

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क्या सीबीआई ने 'रिवर्स ट्रैप' के तहत 22 लाख की रिश्वत देते हुए दो लोगों को पकड़ा?

सारांश

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 22 लाख की रिश्वत देते हुए दो व्यक्तियों को रंगे हाथों पकड़ा। यह एक 'रिवर्स ट्रैप' ऑपरेशन है, जिसमें जीएसटी अधीक्षक ने भ्रष्टाचार का सामना करते हुए सीबीआई को सूचना दी। जानें पूरी कहानी और कैसे ईमानदारी ने भ्रष्टाचार की इस कोशिश को नाकाम किया।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने 'रिवर्स ट्रैप' ऑपरेशन के तहत दो आरोपी पकड़े।
  • रिश्वत देने का प्रयास 22 लाख रुपए का था।
  • जीएसटी अधीक्षक ने ईमानदारी दिखाई और सीबीआई को सूचना दी।
  • सीबीआई ने आरोपी के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
  • सीबीआई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आम जनता से सहयोग मांगा।

नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक उल्लेखनीय और प्रेरणादायक घटना सामने आई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 22 लाख रुपए की रिश्वत देते वक्त दो व्यक्तियों को रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले की ख़ास बात यह रही कि रिश्वत देने वालों को ही पकड़ा गया, यानी यह एक 'रिवर्स ट्रैप' ऑपरेशन था।

इस पूरे प्रकरण में जीएसटी इंटेलिजेंस निदेशालय के अधीक्षक ने सराहनीय भूमिका निभाई, जिन्होंने रिश्वत का प्रस्ताव मिलते ही उसे स्वीकार करने के बजाय सीबीआई को इसकी सूचना दी।

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान राम सेवक सिंह और सचिन कुमार गुप्ता के रूप में हुई है।

ये दोनों आरोपी उस समय सीबीआई के जाल में फंसे, जब वे एक ऑनलाइन कंपनी के टैक्स चोरी के मामले में राहत दिलाने के लिए संबंधित जीएसटी अधीक्षक को 22 लाख रुपए की रिश्वत देने का प्रस्ताव रख रहे थे।

जीएसटी अधीक्षक कुछ ऑनलाइन फर्मों की टैक्स चोरी की जांच कर रहे थे। इसी बीच आरोपियों ने उनसे संपर्क कर मामले को 'रफा-दफा' करने के लिए मोटी रकम देने का प्रस्ताव रखा।

हालांकि, उन्होंने भ्रष्टाचार के आगे झुकने से इनकार किया। उन्होंने तुरंत सीबीआई को औपचारिक शिकायत दी, जिसके बाद सीबीआई ने एक सुनियोजित 'रिवर्स ट्रैप' ऑपरेशन चलाया और दोनों आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।

गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने आरोपियों से जुड़े कई ठिकानों पर तलाशी अभियान शुरू किया है। इन तलाशी अभियानों से रिश्वतखोरी से जुड़े सबूत मिलने की संभावना जताई जा रही है।

सीबीआई ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि यह ऑपरेशन दिखाता है कि कैसे एक ईमानदार सार्वजनिक अधिकारी की तत्परता और निष्ठा भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। ऐसे अधिकारी आज की व्यवस्था के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

सीबीआई ने देशवासियों से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी बिना डर के साझा करें। एजेंसी हर सच्चे नागरिक के साथ खड़ी है।

Point of View

मैं कहना चाहूँगा कि इस घटना ने हमें यह दिखाया है कि जब ईमानदारी और निष्ठा होती है, तो भ्रष्टाचार पर काबू पाना संभव है। सीबीआई का यह ऑपरेशन उन सभी के लिए एक उदाहरण है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

सीबीआई ने किस प्रकार के ऑपरेशन में दो लोगों को पकड़ा?
सीबीआई ने 'रिवर्स ट्रैप' ऑपरेशन के तहत दो लोगों को पकड़ा जो 22 लाख की रिश्वत देने की कोशिश कर रहे थे।
कौन थे आरोपी?
आरोपियों की पहचान राम सेवक सिंह और सचिन कुमार गुप्ता के रूप में हुई है।
जीएसटी अधीक्षक ने क्या किया?
जीएसटी अधीक्षक ने रिश्वत का प्रस्ताव स्वीकार करने के बजाय सीबीआई को इसकी सूचना दी।
सीबीआई का यह ऑपरेशन क्यों महत्वपूर्ण है?
यह ऑपरेशन दिखाता है कि ईमानदार अधिकारियों की तत्परता भ्रष्टाचार के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
सीबीआई ने आम जनता से क्या अपील की?
सीबीआई ने आम जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ जानकारी साझा करने की अपील की है।