क्या गुलाम अहमद मीर ने बिहार में महागठबंधन को एकजुट होने की नसीहत दी?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की एकता महत्वपूर्ण है।
- गुलाम अहमद मीर का मानना है कि आरजेडी को छोटी पार्टियों की मांगों का सम्मान करना चाहिए।
- झामुमो और अन्य दलों के बीच मतभेद अस्थायी हैं।
- बिहार की जनता में बदलाव की भावना है।
- पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की इंडिया गठबंधन से नाराजगी पर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बंगाल प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हर राज्य में जो पार्टी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होती है, उसे छोटी पार्टियों की सीटों की मांगों का सम्मान करना चाहिए।
गुलाम अहमद मीर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जैसे बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है, अगर अन्य समान विचारधारा वाले दल किसी सीट पर अपनी दावेदारी रखते हैं, तो उन्हें भी समायोजित करना चाहिए। यह गठबंधन की मजबूती के लिए आवश्यक है।”
उन्होंने आगे कहा कि झामुमो और अन्य सहयोगी दलों के बीच जो मतभेद हैं, वे अस्थायी हैं और जल्द ही सुलझ जाएंगे। मुझे विश्वास है कि सब दल मिलजुलकर एनडीए को हराने की दिशा में एकजुट होंगे, क्योंकि बिहार की जनता इस बार बदलाव के मूड में है। मूड ऑफ चेंज सौ प्रतिशत है और गठबंधन के सभी दलों को यह बात समझनी चाहिए कि इस जनभावना को किसी भी तरह ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि बिहार की जनता इस बार निर्णायक बदलाव चाहती है और इंडिया गठबंधन के नेताओं को इस जनभावना के अनुरूप रणनीति बनाकर एकजुट होकर काम करना चाहिए।
पश्चिम बंगाल में बढ़ते अपराधों और बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर गुलाम अहमद मीर ने राज्य सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बीते एक-डेढ़ साल में बंगाल की स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है। जिस तरह से हत्याओं, बलात्कारों और रेप के बाद हत्या जैसी घटनाओं में इजाफा हुआ है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार पूरी तरह नियंत्रण खो चुकी है।
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि वेस्ट बंगाल के बारे में पहले कभी इस तरह की खबरें नहीं आती थीं, लेकिन पिछले डेढ़ साल से जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। आम जनता खुद महसूस कर रही है कि राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा चुकी है। उन्होंने कहा कि लोगों के भीतर अब यह भावना घर कर रही है कि राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो गई है और सरकार जनता के भरोसे पर खरी नहीं उतर पा रही है।