क्या उत्तर प्रदेश में लोन के बदले घूस की मांग का मामला सीबीआई ने उजागर किया?

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क्या उत्तर प्रदेश में लोन के बदले घूस की मांग का मामला सीबीआई ने उजागर किया?

सारांश

उत्तर प्रदेश में सीबीआई ने रिश्वत के एक बड़े मामले का खुलासा किया है, जिसमें एक बैंक के प्रबंधक और एक फील्ड ऑफिसर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यह मामला मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना के तहत ऋण के लिए रिश्वत मांगने से जुड़ा है। जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • सीबीआई की गिरफ्तारी से यह साबित होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
  • रिश्वतखोरी का मामला सरकारी संस्थानों की पारदर्शिता को चुनौती देता है।
  • मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना के तहत ऋण प्राप्त करना अब और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है।
  • सख्त कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है।
  • सीबीआई की जांच से अन्य मामलों की भी परतें खुल सकती हैं।

नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, चंदौसी शाखा के प्रबंधक और फील्ड ऑफिसर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दोनों अधिकारी शिकायतकर्ता से 30 हजार रुपये की अवैध मांग कर रहे थे।

सीबीआई ने 2 सितंबर को दर्ज मामले में बताया कि शिकायतकर्ता और उसकी बहन चंदौसी में रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाते हैं। व्यापार विस्तार के लिए शिकायतकर्ता की बहन ने ‘मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना’ के तहत 3 लाख रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया था। बैंक ने 2.70 लाख रुपये का ऋण मंजूर किया, जिसमें से 1,82,500 रुपये जारी कर दिए गए, लेकिन शेष राशि रोक दी गई।

शिकायत में आरोप था कि फील्ड ऑफिसर ने शेष राशि जारी करने के लिए 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। जांच में सामने आया कि यह मांग शाखा प्रबंधक की मिलीभगत से की गई थी। बाद में दोनों अधिकारियों ने रिश्वत की राशि घटाकर 30 हजार रुपये करने पर सहमति जताई।

सीबीआई ने जाल बिछाकर दोनों अधिकारियों को 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच जारी है।

वहीं, एक अन्य मामले में सीबीआई ने रिवर्स ट्रैप ऑपरेशन के तहत दो व्यक्तियों को 22 लाख रुपये की रिश्वत एक जीएसटी इंटेलिजेंस अधीक्षक को पेशकश और भुगतान करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राम सेवक सिंह और सचिन कुमार गुप्ता के रूप में हुई है।

सीबीआई के अनुसार, जीएसटी इंटेलिजेंस निदेशालय में तैनात अधीक्षक कथित कर चोरी की जांच कर रहे थे। इसी दौरान कुछ ऑनलाइन कंपनियों ने उन्हें लाभ पहुंचाने के बदले रिश्वत की पेशकश की। अधिकारी ने पेशकश ठुकराते हुए पूरी घटना की शिकायत सीबीआई से की।

सीबीआई ने योजना बनाकर रिवर्स ट्रैप ऑपरेशन चलाया और दोनों आरोपियों को 22 लाख रुपये की रिश्वत देते समय गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एजेंसी ने आरोपियों से जुड़े कई ठिकानों पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, जहां से कर चोरी और रिश्वतखोरी से संबंधित और सबूत मिलने की संभावना है।

Point of View

NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

सीबीआई ने किस मामले में कार्रवाई की?
सीबीआई ने उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के प्रबंधक और फील्ड ऑफिसर को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
रिश्वत की मांग किस कारण से की गई थी?
रिश्वत की मांग मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना के तहत ऋण जारी करने के लिए की गई थी।
सीबीआई ने कितनी राशि की रिश्वत लेते हुए आरोपियों को पकड़ा?
सीबीआई ने आरोपियों को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
क्या सीबीआई ने अन्य मामलों में भी कार्रवाई की है?
जी हां, सीबीआई ने एक अन्य मामले में 22 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश करते हुए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
सीबीआई की अगली कार्रवाई क्या होगी?
सीबीआई ने आरोपियों से जुड़े कई ठिकानों पर तलाशी अभियान शुरू किया है।