क्या झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री को थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए?

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क्या झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री को थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए?

सारांश

चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही को उजागर किया है। क्या इस पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए? वृंदा करात ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई है।

Key Takeaways

  • थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना गंभीर है।
  • स्वास्थ्य मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
  • सरकार को पारदर्शी और प्रभावी स्वास्थ्य व्यवस्था की आवश्यकता है।
  • मतदाता सूची के पुनरीक्षण में सावधानी बरतनी चाहिए।
  • राजनीतिक पार्टियों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।

रांची, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से प्रभावित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना को अत्यंत दुखद बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को लेनी चाहिए।

करात ने बुधवार को रांची की मेन रोड स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि ऐसी घटनाएं राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही को उजागर करती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को न केवल दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पारदर्शी व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए।

माकपा नेता ने निर्वाचन आयोग की ओर से एसआईआर को लेकर हाल में की गई घोषणा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को नागरिकता निर्धारण का उपकरण नहीं बनाया जा सकता। करात ने कहा कि आयोग द्वारा 12 राज्यों में इस प्रक्रिया को विस्तारित करने का फैसला गरीबों और कमजोर वर्गों के बड़े हिस्से को मताधिकार से वंचित कर सकता है।

वृंदा करात ने कहा कि बिहार के अनुभव से यह स्पष्ट हुआ है कि इस प्रक्रिया के तहत कमजोर तबकों के अनेक लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए। उन्होंने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि जब नागरिकता निर्धारण के अधिकार क्षेत्र से संबंधित मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, तब भी निर्वाचन आयोग इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने बिहार के अनुभव से कोई सबक नहीं लिया। पात्रता प्रमाण के रूप में मांगे गए 11 दस्तावेज़ प्रारंभिक आवेदन के साथ अनिवार्य नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनना चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने राज्य में घाटशिला विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रत्याशी को पार्टी का समर्थन देने की घोषणा की।

Point of View

NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

इस घटना के पीछे क्या कारण हैं?
यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को दर्शाती है।
क्या स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए?
हां, नैतिक जिम्मेदारी लेना आवश्यक है ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
क्या सरकार ने कोई कार्रवाई की है?
सरकार को अब कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
इस तरह के मामलों से कैसे निपटा जा सकता है?
सरकार को पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
मतदाता सूची के पुनरीक्षण में क्या समस्या है?
यह प्रक्रिया कमजोर वर्गों को मताधिकार से वंचित कर सकती है।