क्या चमोली में 16 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकाला गया व्यक्ति? नंदानगर में राहत-बचाव कार्य जारी

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क्या चमोली में 16 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकाला गया व्यक्ति? नंदानगर में राहत-बचाव कार्य जारी

सारांश

चमोली में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राहत-बचाव कार्य जारी हैं। 16 घंटे मलबे में दबे रहने के बाद एक व्यक्ति को सुरक्षित निकाला गया। स्थानीय लोगों ने भी एक महिला की मदद की। जानिए इस अद्भुत घटना के बारे में और राहत कार्यों की स्थिति।

Key Takeaways

  • 16 घंटे बाद मलबे से व्यक्ति को सुरक्षित निकाला गया।
  • राहत कार्य में पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं।
  • स्थानीय लोगों ने भी मदद की।
  • चमोली में सभी यात्रा मार्ग खुले हैं।
  • प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सजग रहना आवश्यक है।

चमोली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर में अत्यधिक बारिश और भूस्खलन के कारण उत्पन्न हुई गंभीर आपदा के बीच राहत और बचाव कार्य दूसरे दिन भी तेज गति से जारी हैं। इस आपदा में एक अद्भुत घटना सामने आई, जिसमें 16 घंटे तक मलबे में दबे रहने के बाद एक व्यक्ति को जीवित निकाला गया। इसके साथ ही, बीती रात मलबे की चपेट में आए एक घर से स्थानीय लोगों की मदद से एक महिला को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया।

पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें कुंतरी और धूर्मा गांव जैसे प्रभावित क्षेत्रों में मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। बचाए गए व्यक्तियों को तुरंत प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

चमोली पुलिस ने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा करते हुए कहा, "कुंतरी और धूर्मा गांव में मलबे में दबे व्यक्तियों को निकालने के लिए दूसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चालू है। पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में संलग्न हैं।"

इसके साथ ही, चमोली पुलिस ने जिले के मौसम और यात्रा मार्गों की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी। पुलिस ने अपनी पोस्ट में बताया, "जनपद चमोली के सभी यात्रा संबंधी मार्ग खुले हैं। जनपद में बादल छाए हुए हैं। मार्ग की स्थिति और मौसम का पूर्वानुमान देखकर ही अपनी यात्रा प्रारंभ करें। आपकी सुरक्षित और सफल यात्रा के लिए चमोली पुलिस सदैव तत्पर है।"

नंदानगर आपदा के बाद जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर निरंतर नज़र रखे हुए हैं। गुरुवार को मार्ग अवरुद्ध होने के बावजूद जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार पैदल मार्ग पार कर घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया।

Point of View

बल्कि सभी को यह भी याद दिलाया कि एकजुटता और मानवता सबसे महत्वपूर्ण हैं।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

चमोली में आपदा के कारण क्या हुआ?
चमोली में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई लोग मलबे में दब गए, जिससे राहत और बचाव कार्य शुरू करना पड़ा।
क्या कोई और लोग मलबे से निकाले गए?
हां, एक व्यक्ति को 16 घंटे बाद और एक महिला को स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
राहत कार्य में कौन-कौन शामिल हैं?
पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।
क्या यात्रा मार्ग सुरक्षित हैं?
चमोली में सभी यात्रा मार्ग खुले हैं, लेकिन मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा करने की सलाह दी जाती है।
आपदा के बाद प्रशासन की क्या स्थिति है?
जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नज़र रख रहे हैं और राहत कार्यों का जायजा ले रहे हैं।