क्या चंडीगढ़ में सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा जरूरी है?
सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा उपकरण की उपलब्धता सफाईकर्मियों के लिए अनिवार्य है।
- महिला सफाईकर्मियों की समस्याएं गंभीर हैं।
- कोरोनायोद्धा की तरह कार्य किया।
चंडीगढ़, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पद्मश्री पुरस्कार विजेता जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि पंजाब स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन ने सफाईकर्मियों की सुरक्षा को लेकर एक निर्देश जारी किया है, जिसमें मांग की गई है कि सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए जाएं ताकि उनके साथ किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।
उन्होंने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आज के समय में प्रदेश में सुरक्षाकर्मियों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण सफाईकर्मियों की स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर सफाईकर्मियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने की जिम्मेदारी किसी विशेष एजेंसी के पास होती है, लेकिन इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई जाती। इसके परिणामस्वरूप सफाईकर्मियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई बार स्थिति इतनी विकट हो जाती है कि वे अपनी जान को जोखिम में डालते हुए सफाई के कार्यों में जुट जाते हैं।
जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि विशेष रूप से महिला सफाईकर्मियों को अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपने बच्चों को भी काम पर लाना पड़ता है, जिससे न केवल उनकी सुरक्षा पर खतरा होता है, बल्कि उनके बच्चों को भी कई प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने अपने दिशानिर्देश में महिला सफाईकर्मियों के बच्चों के लिए सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सफाईकर्मियों ने योद्धा की तरह काम किया है। उन्होंने अपने कार्य के माध्यम से साहस का परिचय दिया है। लेकिन वर्तमान समय में उन्हें ग्लव्स, कैप जैसे सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं, जिससे उनके साथ अन्याय हो रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संदर्भ में टिप्पणी की है कि जो लोग सीवर में उतरते हैं, उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। लेकिन अफसोस है कि दिन-प्रतिदिन सफाई में जुटे सफाईकर्मियों के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसी के तहत चंडीगढ़ ह्यूमन राइट्स कमीशन ने निर्देश जारी किया है कि उन्हें सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
उन्होंने कहा कि यदि किसी सफाई कर्मचारी की ऑन ड्यूटी मृत्यु हो जाती है, तो उन्हें दो करोड़ रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए और परिवार में से किसी एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए। हमने अपनी एडवाइजरी में इस मांग को भी शामिल किया है।
उन्होंने 9 दिसंबरहॉस्पिटल और श्मशान घाट के लिए भी एडवाइजरी जारी की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि सभी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार मुफ्त होगा।
उन्होंने कहा कि हमने 9 तारीख को एडवाइजरी जारी की थी, तभी एक अस्पताल में दो लाख