क्या चंद्रग्रहण का दृश्य बहुत सुंदर होगा? परेशान होने की आवश्यकता नहीं: अरविंद परांजपे

सारांश
Key Takeaways
- चंद्र ग्रहण का दृश्य अद्भुत होगा।
- यह एक संपूर्ण चंद्र ग्रहण है।
- इससे कोई हानि नहीं होती।
- सूतक काल में भोजन से बचें।
- यह खग्रास ग्रहण है।
नई दिल्ली, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूरे भारत में इस रविवार को चंद्र ग्रहण होने जा रहा है। नई दिल्ली तारामंडल और नेहरू केंद्र के निदेशक अरविंद परांजपे ने कहा कि यह इस साल का सबसे महत्वपूर्ण चंद्र ग्रहण है, क्योंकि यह एक संपूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इसका आरंभ रात के 8:58 बजे से होगा और यह रात के 1:26 बजे समाप्त होगा।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि तीन वर्ष पूर्व भी इसी प्रकार का चंद्रग्रहण देखा गया था, जिसमें ब्लू मून भी शामिल था। यह प्रक्रिया नियमित रूप से होती रहती है। विशेष रूप से, एक वर्ष में अधिकतम 7 ग्रहण लगे सकते हैं, जिनमें से कम से कम दो सूर्यग्रहण होते हैं।
चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण दोनों आंशिक होते हैं, लेकिन यह चंद्रग्रहण एक लाल रंग का दिखाई देगा। इसका कारण यह है कि जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वातावरण से गुजरता है, तो इसका नीला भाग बिखर जाता है और चंद्रमा पर लाल रंग का प्रभाव पड़ता है।
इस बार के चंद्रग्रहण में रोशनी में कमी आएगी। यदि रोशनी बहुत कम हो, तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अरविंद परांजपे ने बताया कि इससे किसी को कोई हानि नहीं पहुँचती है। मैंने 65 वर्षों में वही सब किया है, जो चंद्रग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए। मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता। यह एक सामान्य खगोलीय घटना है, जिसमें सूरज, पृथ्वी और चंद्रमा शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, यह एक बहुत सुंदर दृश्य होगा। सूतक काल में भोजन से बचना चाहिए, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों के लिए छूट है। मंदिर में स्पर्श करने से बचना चाहिए। यह खग्रास ग्रहण है, जिसका तात्पर्य है कि यह पूर्ण ग्रहण से अधिक आकाश के हिस्से को अधिगृहीत करेगा।