क्या विपक्ष को मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज करानी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज कराना आवश्यक है।
- विपक्ष को बहाने बनाने से बचना चाहिए।
- चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाना उचित नहीं।
- भाजपा की आगामी चुनावों में जीत की संभावना।
- महाविकास आघाड़ी का सफाया होगा।
अमरावती, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के राजस्व मंत्री और भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने विपक्ष पर तीखा हमला किया।
उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे चुनाव हारने के डर से चुनाव आयोग पर प्रश्न उठा रहे हैं। बावनकुले ने आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में महायुति की विजय का भरोसा दिलाया।
उन्होंने मीडिया से संवाद करते हुए कहा, "आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में महाविकास आघाड़ी का सफाया होगा। भाजपा 51 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल करेगी।"
उन्होंने मतदाता सूची पर उठाए गए सवालों और चुनाव आयोग पर गड़बड़ी के आरोपों को लेकर विपक्ष को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज करानी चाहिए, अन्यथा चुनाव के बाद बहाने नहीं बनाना चाहिए।
बावनकुले ने कहा, "आप अभी मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज कराएं, वरना चुनाव के बाद बहाने मत बनाएं।"
बिहार में इस साल चुनाव होने हैं, और चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली है। राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया था।
कुछ दिन पहले 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं की बैठक में विपक्षी नेताओं ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन और भाजपा-चुनाव आयोग के 'वोट चोरी' मॉडल के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया।
मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों पर विपक्ष एकजुट होता दिख रहा है। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के नेता भी इस पर समर्थन कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने भी राहुल के आरोपों का समर्थन किया।