क्या चतरा के सरकारी स्कूल में छात्राओं के बुर्के पर विवाद हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- छात्राओं के धार्मिक पहनावे का सम्मान होना चाहिए।
- विद्यालय में सभी छात्रों के लिए समान नियम लागू होने चाहिए।
- मारपीट की घटनाओं की जांच की जानी चाहिए।
- अभिभावकों को अपने बच्चों के अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए।
- शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
चतरा, १५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के चतरा जिले के एक सरकारी हाई स्कूल में छात्राओं के द्वारा बुर्का पहनकर आने पर मंगलवार को हंगामा मच गया। छात्राओं ने राज्य द्वारा संचालित बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय की शिक्षिकाओं पर यह आरोप लगाया कि बुर्का पहनने के कारण उनके साथ मारपीट की गई।
कथित तौर पर, मारपीट में घायल हुई दो छात्राओं का इलाज सदर अस्पताल में किया गया, जहां इस घटना की जानकारी मिलते ही अभिभावकों और स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और उन्होंने आक्रोश व्यक्त किया।
अभिभावकों का कहना है कि किसी भी शिक्षिका को छात्राओं के धार्मिक पहनावे पर सवाल उठाने या उन पर हाथ उठाने का अधिकार नहीं है। घटना की सूचना मिलने पर एसडीओ जहूर आलम, डीइओ दिनेश कुमार मिश्र और थाना प्रभारी विपिन कुमार अस्पताल पहुंचे और लोगों को शांत किया।
एसडीओ ने घायल छात्राओं से अलग-अलग बातचीत कर घटना की जानकारी ली। छात्राओं का कहना है कि जब वे बुर्का पहनकर स्कूल आती हैं तो शिक्षिकाएं उन्हें परेशान करती हैं और ड्रेस कोड का हवाला देकर बुर्का उतारने के लिए दबाव डालती हैं।
मंगलवार की सुबह कुछ छात्राएं यूनिफॉर्म के ऊपर बुर्का पहनकर स्कूल आई थीं। शिक्षिकाओं ने उनसे बुर्का उतारने को कहा, जिस पर छात्राओं ने विरोध किया। आरोप है कि इस दौरान शिक्षिकाओं ने जबरन बुर्का हटवाया और विरोध करने पर कुछ छात्राओं के साथ मारपीट की गई, जिससे दो छात्राएं घायल हो गईं।
एसडीओ ने विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका नीतू कुमारी प्रजापति को फटकार लगाई। प्रधानाध्यापिका ने मारपीट के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि विद्यालय में ड्रेस कोड लागू है और छात्राओं को गेट के अंदर बुर्का उतारने के लिए कहा गया ताकि विद्यालय में एकरूपता बनी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि किसी छात्रा के साथ मारपीट नहीं की गई है।
एसडीओ जहूर आलम ने कहा कि छात्राओं ने विद्यालय में बुर्का पर प्रतिबंध का आरोप लगाया है, जिसकी जांच की जा रही है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही शिक्षक-अभिभावक और विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक कर इस मामले का समाधान निकाला जाएगा।