क्या दिवाली के बाद चेन्नई में वायु प्रदूषण बढ़ गया?

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क्या दिवाली के बाद चेन्नई में वायु प्रदूषण बढ़ गया?

सारांश

दिवाली के जश्न के बाद चेन्नई में वायु प्रदूषण में वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है। जानिए इस स्थिति के पीछे के कारण और नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम।

Key Takeaways

  • दिवाली के बाद चेन्नई में वायु प्रदूषण में तेजी से वृद्धि हुई है।
  • पेरुंगुडी क्षेत्र में एक्यूआई 217 दर्ज किया गया।
  • सफाई के लिए 6,000 से अधिक कर्मी तैनात किए गए।
  • रविवार से सोमवार तक 60 मीट्रिक टन कचरा साफ किया गया।
  • नगर निगम ने कचरे के निपटान के लिए नागरिकों से सहयोग मांगा है।

चेन्नई, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिवाली का उत्सव मनाने के बाद चेन्नई में वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दिवाली की रात भर शहर में पटाखों की आवाज़ से वातावरण प्रभावित हुआ, जिसका हवा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

सोमवार शाम तक स्थिति सामान्य थी, किन्तु मंगलवार सुबह औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 154 पर पहुँच गया, जो कि 'मध्यम से खराब' श्रेणी में आता है। दिवाली से एक दिन पहले यह मात्र 80 था।

तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) के अनुसार, सबसे खराब स्थिति पेरुंगुडी क्षेत्र में देखी गई, जहाँ एक्यूआई 217 दर्ज किया गया, जिसे 'खराब' श्रेणी में रखा गया है और यह सांस लेने में कठिनाई का सामना कर रहे लोगों के लिए खतरनाक है।

मनाली और वेलाचेरी में एक्यूआई 151, अरुंबक्कम में 145 और अलंदूर में 128 रिकॉर्ड किया गया। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार प्रदूषण स्तर कम रहा, जब 2024 में दिवाली पर वलसरवक्कम में एक्यूआई 287 तक पहुँच गया था।

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार त्योहार के दौरान हुई रुक-रुक कर बारिश ने प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद की। बारिश ने धूल और धुएं के कणों को नीचे बैठा दिया, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ।

दिवाली के बाद शहर में धुंध और हल्का धुआं फैला हुआ था। इस बीच, ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) ने तुरंत सफाई अभियान शुरू किया। सोमवार शाम 6 बजे तक लगभग 60 मीट्रिक टन पटाखों का कचरा साफ किया गया। सबसे अधिक कचरा अलंदूर क्षेत्र से इकट्ठा हुआ, जहाँ से 6.89 मीट्रिक टन कचरा निकाला गया। इसके बाद, पेरुंगुडी में 6.03 मीट्रिक टन कचरा एकत्रित किया गया।

सफाई के लिए रात भर 6,000 से अधिक सफाईकर्मी तैनात किए गए, जिन्होंने पटाखों के कचरे को साफ किया और इसे गुम्मिदीपोंडी, कोडुंगैयूर और पेरुंगुडी स्थित कचरा प्रबंधन केंद्रों में भेजा।

नगर निगम ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे पटाखों के कचरे को अलग से इकट्ठा करके स्वच्छता कर्मियों को सौंपें, ताकि इसका सुरक्षित तरीके से निपटान किया जा सके।

दूसरी ओर, दिवाली के दिन तमिलनाडु की 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को सामान्य दिनों की तुलना में 61 प्रतिशत अधिक कॉल मिले। सोमवार शाम तक 4,635 कॉल्स रिकॉर्ड किए गए, जिनमें से 135 मामले पटाखों से संबंधित दुर्घटनाओं के थे।

दिवाली का उत्सव पूरे राज्य में पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। लोगों ने नए कपड़े पहने, मिठाइयाँ बाँटीं और अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया। बारिश के बावजूद, उत्सव का उल्लास कम नहीं हुआ और देर रात तक आतिशबाजी का सिलसिला जारी रहा।

Point of View

यह घटनाक्रम विशेष रूप से चिंताजनक है। दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान वायु प्रदूषण में वृद्धि एक बड़ी समस्या है, जो न केवल स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है, बल्कि पर्यावरण पर भी नकारात्मक असर डालती है। हमें सतर्क रहना होगा और इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

चेन्नई में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य कारण दिवाली के दौरान पटाखों का व्यापक उपयोग है, जिससे वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है।
एक्यूआई का उच्चतम स्तर क्या था?
पेरुंगुडी क्षेत्र में एक्यूआई 217 तक पहुँच गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है।
सफाई के लिए कितने कर्मी तैनात किए गए थे?
सफाई के लिए 6,000 से अधिक सफाईकर्मी तैनात किए गए थे।
क्या बारिश ने प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद की?
हाँ, रुक-रुक कर हुई बारिश ने धूल और धुएं के कणों को नीचे बैठाने में मदद की।
नगर निगम ने नागरिकों से क्या अपील की है?
नगर निगम ने नागरिकों से पटाखों के कचरे को अलग से जमा करने की अपील की है।