क्या छत्रपति संभाजीनगर में दोस्त ने की हत्या? पुलिस ने जॉ फ्रैक्चर क्लिप से सुलझाया मामला

सारांश
Key Takeaways
- मामला: दोस्ती में विश्वासघात
- हत्या का तरीका: कुल्हाड़ी से हमला
- जांच: जॉ फ्रैक्चर क्लिप से पहचान हुई
- स्थान: छत्रपति संभाजीनगर, कन्नड तहसील
- आरोपी: श्रवण धनगर को गिरफ्तार किया गया
छत्रपति संभाजीनगर, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के कन्नड तहसील में एक घने जंगल में एक सिर कटी लाश मिलने से सभी चकित रह गए। इस मामले को एक छोटी-सी मेटल क्लिप के माध्यम से पुलिस ने सुलझाया है। मृतक के जबड़े में उपस्थित ‘जॉ फ्रैक्चर क्लिप’ ने पुलिस को हत्यारे का पता लगाने में मदद की और असली कहानी सामने आई।
3 सितंबर को कन्नड तहसील के गौताला जंगल में पुलिस को सूचना मिली कि एक 100 फीट गहरी खाई में एक शव पड़ा है। शव का सिर धड़ से अलग था और शरीर इतना सड़ चुका था कि पहचान करना असंभव लग रहा था। पुलिस ने इलाके को घेरकर तलाशी शुरू की। थोड़ी ही दूरी पर कटा हुआ सिर मिला, लेकिन पहचान अब भी एक पहेली थी। तभी जांच के दौरान शव के जबड़े में लगी एक छोटी-सी मेटल क्लिप पुलिस के ध्यान में आई।
पुलिस ने तुरंत इस क्लिप की जांच शुरू की। पता चला कि जुलाई 2023 में एक युवक का एक्सीडेंट हुआ था, जिसके उपचार के दौरान उसके जबड़े में यह मेटल क्लिप लगाई गई थी। अस्पताल के रिकॉर्ड खंगालने पर शव की पहचान 28 वर्षीय निलेश सूर्यवंशी के रूप में हुई, जो चालीसगांव का निवासी था। निलेश कई दिनों से लापता था और उसकी गुमशुदगी का मामला पहले से ही पुलिस में दर्ज था।
जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस की नजर निलेश के करीबी दोस्त श्रवण धनगर पर पड़ी। श्रवण को हिरासत में लिया गया और सख्त पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने ही निलेश की हत्या की थी। दोनों के बीच पुराना विवाद था, जो धमकियों तक पहुंच गया था। 26 अगस्त को श्रवण ने निलेश को जंगल में बुलाया। वहां दोनों में तीखी बहस हुई। गुस्से में आकर श्रवण ने निलेश पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। निलेश जमीन पर गिर पड़ा और श्रवण ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद उसने शव को खाई में फेंक दिया, ताकि कोई सुराग न मिले।
हालांकि, तीन दिन बाद जब शव से बदबू फैलने लगी, तो स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके से सिर और धड़ बरामद किया, लेकिन सड़ी हुई लाश की पहचान करना मुश्किल था। लेकिन जॉ फ्रैक्चर क्लिप की मदद से इस केस को सुलझाया गया। पुलिस ने मेडिकल रिकॉर्ड और तकनीकी सबूतों के माध्यम से मृतक की पहचान की।
छत्रपति संभाजीनगर ग्रामीण के पुलिस सुपरिटेंडेंट विनय कुमार राठौड़ ने बताया, "3 सितंबर को हमें सिर कटी लाश मिली। जबड़े में लगी सर्जिकल क्लिप से हमने अस्पतालों में जांच की। पता चला कि 2023 में निलेश का एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें यह क्लिप लगाई गई थी। सात से आठ दिन की जांच में हम उसके दोस्त श्रवण धनगर तक पहुंचे। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने कुल्हाड़ी से निलेश की हत्या की और शव को खाई में फेंक दिया।"
उन्होंने कहा कि आरोपी ने पहचान छुपाने की पूरी कोशिश की थी। उसने निलेश की घड़ी, कपड़े और हर उस चीज को हटा दिया था, जो उसकी शिनाख्त करा सकती थी।