क्या छत्तीसगढ़ के मद्देड़ थाना क्षेत्र में आईईडी विस्फोट से माओवादी घायल हुई?

सारांश
Key Takeaways
- घटना में एक महिला माओवादी गंभीर रूप से घायल हुई।
- माओवादी संगठन का क्रूर चेहरा उजागर हुआ।
- पुलिस ने समाज के युवाओं से मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
- घायल माओवादी के साथी उसे छोड़कर भाग गए।
- स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी।
बीजापुर, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के मद्देड़ थाना क्षेत्र के बंदेपारा जंगल में माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी विस्फोट में एक महिला माओवादी गंभीर रूप से घायल हो गई।
घायल माओवादी की पहचान गुज्जा सोढ़ी के रूप में हुई है, जो पिछले 6-7 वर्षों से मद्देड़ एरिया कमेटी में सक्रिय थी और 12 बोर हथियार की धारक थी। घटना के समय उसके सभी साथी उसके हथियार लेकर वहां से भाग गए।
स्थानीय ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, उनकी टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। घायल माओवादी को ग्रामीणों की सहायता से प्राथमिक उपचार दिया गया, इसके बाद उसे जिला अस्पताल बीजापुर ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
गुज्जा सोढ़ी, माओवादी संगठन के वरिष्ठ सदस्य एसीएम-कन्ना बुच्चना के साथ पार्टी में लंबे समय से जुड़ी हुई थी और संगठन के अन्य सदस्यों के बीच एक जाना-पहचाना नाम थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि माओवादी संगठन का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया है। संगठन में घायल या बीमार साथियों की कोई देखभाल नहीं होती। घायल माओवादी को साथी बोझ समझकर जंगल में तड़पने के लिए छोड़ देते हैं। संगठन की नीति 'या तो लड़ो, या मरो' के कारण घायल साथियों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाता है। इस समय संगठन में बड़े कैडर आपस में लड़ रहे हैं, जबकि निचले स्तर के माओवादियों में बिखराव की स्थिति बन चुकी है।
वास्तव में, बीजापुर जिले के मद्देड़ थाना क्षेत्र के बंदेपारा के जंगल में नक्सली संगठन के सदस्य सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी प्लांट कर रहे थे, इसी दौरान विस्फोट हो गया, जिसमें महिला नक्सली गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना के बाद महिला नक्सली को उसके साथी छोड़कर भाग गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, घायल महिला नक्सली का हथियार भी साथी अपने साथ ले गए। जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद घायल महिला नक्सली को प्राथमिक उपचार के बाद बीजापुर जिला अस्पताल ले जाया गया।
जिला पुलिस ने इस घटना के बाद समाज के युवाओं से विशेष अपील की है कि वे हिंसा के रास्ते को छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ जाएं। पुलिस ने कहा है कि वे ऐसे लोगों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं और शांति एवं विकास के लिए प्रशासन काम कर रही है।