क्या छत्तीसगढ़ में 21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से बस्तर में शांति की नई बयार शुरू हुई है?

Click to start listening
क्या छत्तीसगढ़ में 21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से बस्तर में शांति की नई बयार शुरू हुई है?

सारांश

छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिससे बस्तर में शांति की नई संभावनाएं खुल रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे कई विकास पहलों की सफलता बताया। क्या यह बदलाव नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है?

Key Takeaways

  • 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
  • मुख्यमंत्री ने इसे विकास की नई दिशा बताया।
  • सुरक्षा बलों ने 18 हथियार बरामद किए।
  • नक्सलियों का पुनर्वास 2025 नीति के तहत होगा।
  • बस्तर में शांति की स्थापना हो रही है।

रायपुर, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम को रविवार को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली, जब कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे 'पूना मारगेम-पुनर्वास से पुनर्जीवन' पहल और 'नियद नेल्ला नार योजना' की सफलता बताया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "माओवाद की झूठी विचारधारा से भटके युवा अब समझ रहे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य है। बस्तर में शांति की स्थापना हो रही है।"

आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं, जो केशकाल डिवीजन की कुएमारी/किसकोडो एरिया कमेटी से जुड़े थे। इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश जैसे बड़े नाम भी हैं। सुरक्षा बलों ने 18 हथियार बरामद किए, जिनमें तीन एके-47, दो इंसास राइफलें और चार एसएलआर शामिल हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों का पुनर्वास 'आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति - 2025' के तहत किया जा रहा है, जिसमें कौशल विकास और आर्थिक सहायता पर जोर है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है। नक्सल संगठन कमजोर हो रहे हैं और बस्तर विकास की ओर बढ़ रहा है।" उन्होंने दावा किया कि डबल इंजन सरकार 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।

साय ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, "हम उनके पुनरुत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं। बस्तर में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है।"

यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ में हाल के महीनों में हुई घटनाओं की कड़ी में है। अक्टूबर में ही बस्तर में 208 नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था। सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी की संयुक्त कार्रवाइयों ने नक्सलियों पर दबाव बढ़ाया है। सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, सड़क, बिजली और जल जैसी सुविधाओं को बढ़ावा देकर आदिवासी समुदाय का विश्वास जीता है, जिससे नक्सलियों का जनाधार कमजोर हुआ।

Point of View

यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे प्रयासों ने अब सकारात्मक परिणाम दिखाना शुरू कर दिया है। यह आत्मसमर्पण न केवल नक्सलियों के लिए, बल्कि बस्तर के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

कौन से नक्सली आत्मसमर्पण किए?
कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 13 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं।
आत्मसमर्पण के दौरान कितने हथियार बरामद हुए?
सुरक्षा बलों ने 18 हथियार बरामद किए, जिनमें 3 एके-47, 2 इंसास राइफलें और 4 एसएलआर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पण के बारे में क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे विकास की नई दिशा और नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की सफलता बताया।
सरकार का नक्सलवाद के खिलाफ क्या दृष्टिकोण है?
सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, सड़क, बिजली और जल जैसी सुविधाओं को बढ़ावा देकर आदिवासी समुदाय का विश्वास जीता है।
क्या आत्मसमर्पण का कोई विशेष कार्यक्रम है?
आत्मसमर्पित नक्सलियों का पुनर्वास 'आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति - 2025' के तहत किया जा रहा है।