क्या छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है? : भूपेश बघेल

सारांश
Key Takeaways
- कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
- भाजपा में समन्वय की कमी है।
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ रहा है।
- बघेल ने पेड़ संरक्षण पर भाजपा को घेरा।
- जनता बदलाव की मांग कर रही है।
रायपुर, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रमुख नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य और केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और राजधानी रायपुर में भी लोग खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि डेढ़ साल में भाजपा के कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं कि सरकार किसके अधीन काम कर रही है। प्रदेश की स्थिति किसी भी दृष्टि से संतोषजनक नहीं है। जनता का सरकार पर से विश्वास उठ चुका है। उन्होंने किसान-जवान-संविधान सम्मेलन के बारे में कहा कि लोगों में उत्साह है। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता इस सम्मेलन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। बारिश के बावजूद किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अद्भुत जोश है।
भूपेश बघेल ने भाजपा को कमजोर बताते हुए कहा कि अब इस संगठन में समन्वय की कमी हो गई है। वर्तमान में सरकार और संगठन दोनों ही कमजोर स्थिति में हैं। उन्होंने भाजपा के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान पर भी व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि एक ओर इस अभियान पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पेड़ों की कटाई जारी है। भाजपा को इस पर जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में विस्तार नहीं हो पा रहा है, और खाली पद भरे नहीं जा रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि संगठन में समन्वय की कमी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव को तीन-तीन महीने के विस्तार दिए जा रहे हैं, जो सरकार की निष्क्रियता को दर्शाता है।
भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं पर कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा नेताओं के काफिले को उनके ही कार्यकर्ताओं ने रोका, जो उनके गुस्से को दर्शाता है। जनता अब बदलाव की मांग कर रही है और कांग्रेस इस मौके को भुनाने के लिए तैयार है। उन्होंने भाजपा की कार्यशैली और नीतियों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस की एकजुटता और जनता के बीच बढ़ते समर्थन पर जोर दिया।