क्या छत्तीसगढ़ में ओजोन परत संरक्षण दिवस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पर्यावरण जागरूकता पर जोर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- ओजोन परत का संरक्षण महत्वपूर्ण है।
- पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है।
- वित्त मंत्री ने बच्चों को पर्यावरण की रक्षा का संकल्प दिलाया।
- सतत विकास के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
- प्लास्टिक का उपयोग कम करने की आवश्यकता है।
रायपुर, १६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की।
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने अपने भाषण में कहा, "ओजोन परत हमारे ग्रह के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह पर्यावरण सभी के लिए समान है, चाहे वह धनवान हो या साधारण व्यक्ति। ओजोन परत ही धरती को जीवन योग्य बनाती है। इसके बिना, सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणें जीवन के लिए खतरा बन सकती हैं। इसलिये, पर्यावरण संरक्षण हमारी सभी की जिम्मेदारी है। विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है ताकि सतत विकास सुनिश्चित हो सके और भविष्य की पीढ़ियों को एक बेहतर जीवन मिल सके।"
कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एनवायरोथॉन और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्कूली बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी रचनात्मकता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। वित्त मंत्री ने बच्चों को पर्यावरण की रक्षा करने की शपथ दिलाई और कहा, "बच्चे हमारे भविष्य हैं। उनकी जागरूकता और सक्रियता से ही हम एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।"
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सतत विकास के लिए वचनबद्ध है। "हमें विकास के मॉडल को पर्यावरण के अनुकूल बनाना होगा। वृक्षारोपण, स्वच्छ ऊर्जा और प्रदूषण नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।" उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करें, जैसे प्लास्टिक का उपयोग कम करें और ऊर्जा संरक्षण अपनाएं।
कार्यक्रम में स्थानीय पर्यावरण संगठनों ने भी भाग लिया और ओजोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले तत्वों, जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) और अन्य प्रदूषकों, के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम की तस्वीरों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा करते हुए ओ.पी. चौधरी ने लिखा, "हमारी संस्कृति प्रकृति के सान्निध्य की संस्कृति है। भारतीय संस्कृति मूलतः प्रकृति-पूजक है, जिसमें 'जियो और जीने दो' के साथ 'जियो और जीवन दो' का सिद्धांत निहित है। ओजोन परत का संरक्षण न केवल पर्यावरण की सुरक्षा के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य और स्वास्थ्य के लिए भी अनिवार्य है।"