क्या छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू ने सातवीं चार्जशीट दाखिल की?

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क्या छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू ने सातवीं चार्जशीट दाखिल की?

सारांश

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में एक नई चार्जशीट ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। जानिए निरंजन दास और अन्य आरोपियों की भूमिका और इस मामले की गंभीरता के बारे में।

Key Takeaways

  • छत्तीसगढ़ शराब घोटाला राजनैतिक भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है।
  • ईओडब्ल्यू ने महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा किए हैं।
  • निरंजन दास ने अपने पद का दुरुपयोग किया।
  • जांच में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
  • राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।

रायपुर, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में बुधवार को एक और महत्वपूर्ण खुलासा हुआ। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने विशेष अदालत में अपनी सातवीं चार्जशीट प्रस्तुत की है। इस बार मुख्य आरोपी के रूप में तत्कालीन आबकारी सचिव निरंजन दास का नाम सामने आया है। उनके साथ पांच अन्य व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है। अब तक इस मामले में कुल 50 लोग अदालत में पेश हो चुके हैं और जांच प्रक्रिया जारी है।

ईओडब्ल्यू के अनुसार, निरंजन दास ने लगभग तीन वर्षों तक आबकारी विभाग का नेतृत्व करते हुए नीतियों में मनमाना बदलाव किया, टेंडर की शर्तें कमजोर कीं, और जानबूझकर गड़बड़ी की। उनका एकमात्र उद्देश्य था कि अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के सिंडिकेट को हर महीने बड़ा कमीशन मिलता रहे। इसके बदले में, निरंजन दास को हर महीने कम से कम 50 लाख रुपये प्राप्त होते थे। जांच में प्राप्त सबूतों से यह भी पता चला है कि उन्हें कुल 16 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत मिली, जिसे उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर जमीन-मकान में निवेश किया। इस संपत्ति की भी जांच चल रही है।

चार्जशीट में विदेशी शराब पर जबरन कमीशन वसूली की फर्जी एफएल-10ए लाइसेंस नीति का पूरा विवरण शामिल है। इस गलत नीति के कारण राज्य को कम से कम 530 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस नीति के दो प्रमुख लाभार्थी अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा (कंपनी – ओम साई बेवरेजेस) भी अब आरोपी हैं। इन लोगों ने शराब कंपनियों और सिंडिकेट के बीच दलाली की और 114 करोड़ रुपये खुद रख लिए।

अनवर ढेबर के करीबी नितेश पुरोहित और उनके बेटे यश पुरोहित पर आरोप है कि उन्होंने अपने होटल गिरिराज में सिंडिकेट की 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की काली कमाई जमा की, छिपाई और एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी। वहीं अनवर ढेबर का पुराना दोस्त और होटल वेलिंग्टन कोर्ट का प्रबंधक दीपेन चावड़ा भी मामले में फंस चुका है। उसने बड़े नेताओं तक पैसा पहुंचाया और हवाला के माध्यम से भेजा, साथ ही इनकम टैक्स रेड के बाद 1,000 करोड़ से अधिक नकद और सोना छिपाने का कार्य किया।

सभी नए आरोपी इस समय रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। ईओडब्ल्यू का कहना है कि जांच अभी समाप्त नहीं हुई है, और भी नाम और बड़ी रकम सामने आ सकती है।

Point of View

बल्कि यह देश के समस्त राजनीतिक तंत्र पर भी सवाल उठाता है। जब तक ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक आम लोगों का विश्वास कमजोर होता है।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है?
यह एक बड़ा घोटाला है जिसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितताओं और रिश्वतखोरी का आरोप है।
ईओडब्ल्यू ने कितनी चार्जशीट दाखिल की हैं?
ईओडब्ल्यू ने अब तक सात चार्जशीट दाखिल की हैं।
मुख्य आरोपी कौन हैं?
मुख्य आरोपी हैं तत्कालीन आबकारी सचिव निरंजन दास।
जांच का क्या स्थिति है?
जांच अभी भी जारी है और और भी नाम सामने आ सकते हैं।
इस घोटाले से राज्य को कितना नुकसान हुआ?
इस घोटाले से राज्य को कम से कम 530 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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