क्या चीन की 'दो पहाड़' अवधारणा वैश्विक हरित विकास के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है?

सारांश
Key Takeaways
- 'दो पहाड़' अवधारणा चीन के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- यह आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करती है।
- चीन ने इस अवधारणा के माध्यम से वैश्विक हरित विकास में योगदान दिया है।
बीजिंग, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 'स्वच्छ पानी और हरित पहाड़ अनमोल संपत्ति है', यह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पारिस्थितिक सभ्यता के विचार की बुनियादी अवधारणा है। यह विचार आर्थिक विकास और पारिस्थितिक एवं पर्यावरण संरक्षण के बीच संबंध को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्पष्ट करता है।
यह अवधारणा इस तथ्य को स्पष्ट करती है कि पारिस्थितिक पर्यावरण की सुरक्षा ही उत्पादकता की सुरक्षा है, और पारिस्थितिक पर्यावरण में सुधार ही उत्पादकता के विकास का आधार है। यह विकास और संरक्षण के सह-अस्तित्व को प्राप्त करने का एक नया रास्ता पेश करती है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से, चीन ने 'दो पहाड़' धारणा को लागू किया है और एक सुंदर चीन के निर्माण में उल्लेखनीय सफलताएँ हासिल की हैं।
इसी के साथ, चीन ने अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को ग्रहण करने की पहल की है, और लगातार कार्बन पीक और कार्बन तटस्थता को बढ़ावा दे रहा है। विभिन्न देशों के साथ मिलकर हरित, निम्न-कार्बन और स्थायी विकास की दिशा में सक्रिय योगदान देते हुए, एक स्वच्छ और सुंदर दुनिया के निर्माण में निरंतर प्रयासरत है।
इस वर्ष 'दो पहाड़' धारणा की 20वीं वर्षगांठ है। यह अवधारणा चीनी भूमि की वास्तविक और सुंदर तस्वीर के रूप में विकसित हुई है, जिसने दुनिया को पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण में चीन की बुद्धिमत्ता और शक्ति को प्रदर्शित किया है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)