क्या भारत स्थित चीनी दूतावास ने जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध की जीत की 80वीं वर्षगांठ पर संगोष्ठी आयोजित की?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-चीन के बीच ऐतिहासिक मित्रता का महत्व।
- जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध की 80वीं वर्षगांठ का जश्न।
- द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता।
- भारतीयों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना।
- वैश्विक शासन पहल पर चर्चा।
बीजिंग, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 8 सितंबर को, भारत में स्थित चीनी दूतावास ने चीनी जनसंख्या के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राजदूत शू फेइहोंग ने भाग लिया और मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। इसमें भारत के राजनीतिक दलों, मित्र संगठनों, थिंक टैंकों, मीडिया और विश्वविद्यालयों के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राजदूत शू ने चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय के महत्व पर प्रकाश डाला, और भारतीय लोगों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने हजारों मील दूर से चीन में चिकित्सा दल भेजा।
उन्होंने “एससीओ+ बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित वैश्विक शासन पहल को प्रस्तुत किया और कहा कि चीन और भारत को जापानी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध की मित्रता को आगे बढ़ाते हुए, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहिए, और मानवता के साझा भविष्य के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए।
भारतीय प्रतिभागियों ने कहा कि भारतीय और चीनी लोगों ने विदेशी उत्पीड़न के खिलाफ और राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए अपने संघर्ष में पारस्परिक सहानुभूति और समर्थन के माध्यम से गहरी मित्रता स्थापित की है। वर्तमान में, भारत और चीन के बीच सहयोग को और मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)