क्या चीन का भारत सीमा पर ध्यान केंद्रित रखना जारी है? अमेरिकी रिपोर्ट का दावा
सारांश
Key Takeaways
- चीन ने अपनी सैन्य तैयारियों को कम नहीं किया है।
- अमेरिका की रिपोर्ट में चीन की गतिविधियों का खुलासा हुआ है।
- चीन अपने क्षेत्रीय दावों को 'कोर इंटरेस्ट' मानता है।
- भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए।
वाशिंगटन, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के साथ वार्ता और तनाव कम करने के प्रयासों के बावजूद, चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी सैन्य तैयारियों में कोई कमी नहीं की है। अमेरिका के रक्षा विभाग (पेंटागन) की एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन भारत सीमा पर संभावित सैन्य टकराव की दृष्टि से लगातार तैयारियों में जुटा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड भारत से संबंधित सैन्य अभियानों की जिम्मेदारी संभालती है। यह कमांड विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध और सीमा से जुड़ी स्थितियों के लिए प्रशिक्षित की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में चीनी सेना ने पहाड़ी क्षेत्रों में लाइव फायर ड्रिल और तेजी से सैन्य मूवमेंट से संबंधित अभ्यास किए। इन अभ्यासों का उद्देश्य कम ऑक्सीजन और ऊंचाई वाली परिस्थितियों में लड़ाई के लिए तैयारी करना था।
अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में यह भी उल्लेखित है कि चीन अपने क्षेत्रीय दावों को 'कोर इंटरेस्ट' यानी मूल हित मानता है, जिन पर किसी भी प्रकार की बातचीत करने की गुंजाइश नहीं है। इस सूची में भारत का अरुणाचल प्रदेश भी शामिल है, जिसे चीन अपने दावों में रखता है।
हालांकि, भारत और चीन ने अक्टूबर 2024 में एलएसी पर बचे हुए गतिरोध वाले क्षेत्रों से पीछे हटने (डिसएंगेजमेंट) पर सहमति जताई थी, लेकिन रिपोर्ट चेतावनी देती है कि इससे चीन की दीर्घकालिक सैन्य रणनीति में कोई बदलाव नहीं दिखता। पेंटागन के अनुसार, तनाव में कमी का यह मतलब नहीं है कि चीन ने अपनी सैन्य तैयारी बंद कर दी है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन की योजना है कि सीमा पर तनाव को कम रखकर भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग को रोका जा सके। इसके साथ ही, बीजिंग को भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी पर चिंता बनी हुई है। चीन अमेरिका के इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते गठबंधनों को अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए चुनौती मानता है।
इसके अलावा, चीन की व्यापक सैन्य आधुनिकीकरण प्रक्रिया भी भारत के लिए महत्वपूर्ण है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) मिसाइल क्षमता, वायु शक्ति, साइबर यूनिट्स और अंतरिक्ष आधारित निगरानी प्रणालियों का तेजी से विस्तार कर रही है। इससे चीन को एक साथ कई मोर्चों पर कार्रवाई करने की क्षमता मिल रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपनी पश्चिमी सीमा पर सैनिकों की तेज तैनाती और लंबे समय तक ऑपरेशन चलाने की क्षमता को भी बढ़ाया है। बेहतर लॉजिस्टिक्स, संयुक्त कमांड सिस्टम, और त्वरित सैन्य जुटान पर खास ध्यान दिया जा रहा है।