क्या जापान थाईवान पर अपनी गलत टिप्पणी वापस लेगा?
सारांश
Key Takeaways
- चीन ने जापान से थाईवान पर अपनी टिप्पणी को वापस लेने का अनुरोध किया है।
- काहिरा घोषणा का 82वां वर्ष है, जो थाईवान पर चीन के अधिकार को दर्शाता है।
- जापान को अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करना चाहिए।
- शांति की बॉटम लाइन को बनाए रखना आवश्यक है।
- ऐतिहासिक धारा के विपरीत नहीं चलना चाहिए।
बीजिंग, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने सोमवार को एक नियमित प्रेस वार्ता में जापान से थाईवान मुद्दे पर की गई गलत टिप्पणी को वापस लेने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि आज काहिरा घोषणा की 82वीं वर्षगांठ है। काहिरा घोषणा समेत कई अंतर्राष्ट्रीय कानूनी दस्तावेजों ने थाईवान पर चीन की प्रभुसत्ता को स्पष्ट किया है, जो कि विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की महत्वपूर्ण उपलब्धि और युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। संबंधित नियमों का पालन करना जापान का अंतर्राष्ट्रीय कर्तव्य है, जिसे निभाना जरूरी है। यह जापान द्वारा युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने की पूर्व शर्त है।
प्रवक्ता ने जोर दिया कि जापान ऐतिहासिक धारा के विपरीत नहीं चल सकता और शांति की बॉटम लाइन को नहीं छू सकता। जापान मौखिक रूप से आनाकानी करता है और अपनी कार्रवाई पर अड़ियल बना रहता है। चीन इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करता। महत्वपूर्ण बात यह है कि सही या गलत होने पर जापान को चुपचाप नहीं निकलना चाहिए। हम जापान से इतिहास से सीखकर गहराई से आत्मनिरीक्षण करने और गंभीरता से चीन की मांग को ध्यान में रखते हुए अपनी गलत टिप्पणी को वापस लेने और ठोस कदम उठाने का अनुरोध करते हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)