क्या मित्र समूह में चीन के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र सुधार पर महत्वपूर्ण बयान दिया?
सारांश
Key Takeaways
- संयुक्त राष्ट्र का 80वीं वर्षगांठ सुधार पहल
- विकासशील देशों की चिंताओं को प्राथमिकता
- वैश्विक शासन में सुधार की आवश्यकता
- पारदर्शी और समावेशी प्रक्रिया
- संयुक्त बयान द्वारा 43 देशों का समर्थन
बीजिंग, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि, फू त्सोंग ने महासभा में 'संयुक्त राष्ट्र 80वीं वर्षगांठ सुधार पहल' (यूएन80 सुधार) पर आयोजित ब्रीफिंग में 'वैश्विक शासन पर मित्र समूह' के 43 सदस्यों की ओर से एक संयुक्त बयान पेश किया।
फू त्सोंग ने बताया कि जटिल और अस्थिर अंतरराष्ट्रीय स्थिति का सामना करते हुए, बहुपक्षवाद को बनाए रखना, संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को मजबूत करना, अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन की रक्षा करना और वैश्विक शासन में सुधार करना, अधिकांश सदस्य देशों की साझा आकांक्षाएं हैं। यूएन80 सुधार का अंतिम लक्ष्य भी यही है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए, 'वैश्विक शासन पर मित्र समूह' तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देना चाहता है।
पहला, यूएन80 सुधारों की गुणवत्ता और दक्षता में वृद्धि होनी चाहिए। पिछले 80 वर्षों में, संयुक्त राष्ट्र ने विश्व शांति बनाए रखने, वैश्विक विकास को बढ़ावा देने और मानवाधिकार के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज की चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र को समय के साथ कदम मिलाकर चलना होगा, अपने अधिकार को पुनर्जीवित करना होगा और अपनी भूमिका को मजबूत करना होगा। इसके लिए, संयुक्त राष्ट्र को दोहराव को कम करना होगा, अतिरेक को दूर करना होगा, दक्षता में सुधार करना होगा और सबसे महत्वपूर्ण, अपने जनादेश को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए अपनी चपलता, जवाबदेही और लचीलेपन को बढ़ाना होगा।
दूसरा, यूएन80 सुधारों में विकासशील देशों की चिंताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के दो-तिहाई सदस्य देश विकासशील देश हैं, और उनकी चिंताओं को पूरी तरह से संबोधित किया जाना चाहिए। विकास विकासशील देशों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। विकास क्षेत्र के सुधारों में विकासशील देशों की विशाल आवश्यकताओं और चुनौतियों को पूरी तरह से ध्यान में रखना आवश्यक है, तंत्र और संसाधनों के संदर्भ में विकास को वास्तविक प्राथमिकता देना और क्षमता निर्माण तथा अन्य साधनों के माध्यम से सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन को बढ़ावा देना आवश्यक है।
तीसरा, यूएन80 सुधारों की प्रक्रिया पारदर्शी और समावेशी होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र एक अंतर-सरकारी संगठन है, और सदस्य देशों को सुधार प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभानी चाहिए, जिससे सभी सदस्य देशों की समान भागीदारी सुनिश्चित हो सके। आशा है कि यूएन80 सुधारों के कार्य समूह के सह-अध्यक्ष सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना जारी रखेंगे, व्यावहारिक परिणाम प्राप्त करेंगे और सर्वसम्मति से परिणाम दस्तावेजों को अपनाएंगे।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)