क्या अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर चीन में योग का वैश्विक स्वरूप दिखा?

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क्या अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर चीन में योग का वैश्विक स्वरूप दिखा?

सारांश

चीन की राजधानी पेइचिंग में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक भव्य योग सत्र का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया और योग के माध्यम से भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा दिया। जानिए इस विशेष आयोजन के बारे में और कैसे योग ने वैश्विक सांस्कृतिक धरोहर का रूप लिया।

Key Takeaways

  • योग दिवस का आयोजन हर साल 21 जून को होता है।
  • चीन में योग का बढ़ता महत्व दर्शाता है कि यह एक वैश्विक धरोहर बन चुका है।
  • इस आयोजन ने भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा दिया।
  • योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
  • इस प्रकार के आयोजनों से सामाजिक एकता में वृद्धि होती है।

बीजिंग, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया गया। इसी क्रम में, चीन की राजधानी पेइचिंग भी योगमय नजर आई, जहां भारतीय दूतावास ने एक भव्य और विशाल योग सत्र का आयोजन किया।

इस आयोजन में हजारों लोग शामिल हुए और खुले आसमान के नीचे, सूर्य की पहली किरणों के साथ योगाभ्यास कर वातावरण को ऊर्जा और शांति से परिपूर्ण कर दिया।

इस विशेष कार्यक्रम में न केवल योग प्रेमियों ने भाग लिया, बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों, भारतीय प्रवासियों और छात्रों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पेइचिंग के पुराने भारतीय दूतावास परिसर में आयोजित दो घंटे लंबे इस कार्यक्रम में 1,000 से अधिक योग उत्साही शामिल हुए।

भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत, उनकी पत्नी श्रुति रावत और उप राजदूत अभिषेक शुक्ला भी इस अवसर पर योग करते हुए दिखाई दिए। दूतावास के अन्य अधिकारी भी इस सांस्कृतिक आयोजन में पूरी लगन से शामिल हुए।

कार्यक्रम का उद्देश्य योग जैसी प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना था। इसके साथ ही, यह आयोजन भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संवाद और आपसी समझ को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा। योग के माध्यम से दोनों देशों के लोगों के बीच संवाद का एक सुंदर सेतु निर्मित हुआ, जिसमें स्वास्थ्य, संतुलन और मानसिक शांति की भावना प्रमुख रही।

इस कार्यक्रम में योग के शारीरिक पहलुओं के साथ-साथ मानसिक और आध्यात्मिक पक्षों को भी छुआ गया। पेइचिंग स्थित वीयोग स्टूडियो से योग गुरु आशीष बहुगुणा ने सामान्य योग प्रोटोकॉल का नेतृत्व किया, जबकि भारतीय दूतावास में भारतीय संस्कृति के शिक्षक और योग गुरु लोकेश शर्मा ने प्रतिभागियों को ध्यान की गहराई से अवगत कराया। यह आयोजन योगीयोग, वीयोग, और हेमंत योग जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से संभव हो पाया।

2015 में भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आधिकारिक मान्यता मिलने के बाद से यह दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। पेइचिंग में हुआ यह आयोजन न केवल योग के प्रति लोगों के उत्साह को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि योग आज एक सीमाओं से परे वैश्विक सांस्कृतिक धरोहर बन चुका है, जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सौहार्द और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी मजबूती प्रदान करता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

यह कहना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि योग केवल एक शारीरिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। भारत और चीन के बीच योग के माध्यम से बढ़ता सांस्कृतिक संवाद दोनों देशों के लिए लाभदायक है।
NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
योग के क्या फायदे हैं?
योग से शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और संतुलन मिलता है।
क्या योग केवल एक भारतीय परंपरा है?
नहीं, योग अब एक वैश्विक सांस्कृतिक धरोहर बन चुका है।
चीन में योग का क्या महत्व है?
चीन में योग का महत्व बढ़ रहा है और यह स्वास्थ्य और संतुलन के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है।
योग कैसे किया जाता है?
योग को विभिन्न आसनों और ध्यान तकनीकों के माध्यम से किया जाता है।