क्या चीन विकासशील देशों के पारिस्थितिकी संरक्षण में समर्थन जारी रखेगा?

सारांश
Key Takeaways
- चीन का विकासशील देशों के प्रति समर्थन जारी रहेगा।
- पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर जोर दिया गया।
- हरित प्रौद्योगिकी में सुधार से ऊर्जा खपत में कमी आई है।
- जलवायु परिवर्तन के खिलाफ चीन की सक्रियता बढ़ी है।
- दक्षिण-दक्षिण सहयोग का महत्व बढ़ा है।
बीजिंग, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। चीन-विश्व बैंक समूह का वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र और परिवर्तन केंद्र ने हाल ही में पेइचिंग में अपनी पहली उच्च स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया। चीनी उप वित्त मंत्री ल्याओ मिन ने पुष्टि की कि चीन पारिस्थितिकी संरक्षण में अन्य विकासशील देशों का समर्थन करता रहेगा।
इस संगोष्ठी का मुख्य विषय था राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले विकास क्षेत्र के आधार पर पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली को बढ़ावा देना। इस अवसर पर, ल्याओ मिन ने बताया कि हाल के वर्षों में चीन ने हरित प्रौद्योगिकी और हरित निवेश को समर्थन देने में औद्योगिक संरचना में सुधार किया है, जिससे विकास मॉडल में तेजी आई है। चीन ने तेज आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ ऊर्जा खपत और प्रदूषण उत्सर्जन में भी महत्वपूर्ण कमी हासिल की है।
ल्याओ मिन ने आगे कहा कि चीन जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के संरक्षण जैसे वैश्विक मुद्दों में सक्रिय भागीदारी करता है। दक्षिण-दक्षिण सहयोग के ढांचे के अंतर्गत, चीन ने अन्य विकासशील देशों को पूरा समर्थन प्रदान किया है। चीन ने बहुपरकारी विकास बैंकों, जैसे कि विश्व बैंक, से पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए विकासशील देशों को अधिक धन, तकनीक और ज्ञान प्रदान करने की अपील की है। एक दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में, चीन पारिस्थितिकी संरक्षण में अन्य विकासशील देशों का समर्थन जारी रखेगा।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)