क्या चीन ने दक्षिण-पूर्व एशियाई परमाणु-हथियार-मुक्त क्षेत्र की स्थापना का समर्थन किया?

सारांश
Key Takeaways
- चीन का समर्थन दक्षिण-पूर्व एशियाई शांति के लिए महत्वपूर्ण है।
- परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने की चीन की नीति स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
- आसियान देशों के हितों की रक्षा के लिए परमाणु अप्रसार आवश्यक है।
- चीन एकमात्र देश है जो यह वादा करता है कि वह परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा।
- चीन की परमाणु नीति विश्व शांति में योगदान देती है।
बीजिंग, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। चीनी रक्षा मंत्रालय के सूचना ब्यूरो के उप निदेशक एवं प्रवक्ता कर्नल च्यांग बिन ने हाल के सैन्य-संबंधी मुद्दों पर संवाददाताओं के प्रश्नों का उत्तर दिया।
दक्षिण-पूर्व एशियाई परमाणु-हथियार-मुक्त क्षेत्र संधि के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने के लिए चीन की सहमति पर फिलीपींस के रक्षा मंत्री के हाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, च्यांग बिन ने कहा कि फिलीपींस के कुछ अधिकारी अक्सर क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए चीन के प्रयासों पर निरीक्षण करते हैं। यह सवाल उठता है कि क्या वे व्यक्तिगत रूप से इसका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं या अपने देश की स्थिति को दर्शा रहे हैं। यह वाकई आश्चर्यजनक है।
दक्षिण-पूर्व एशियाई परमाणु-हथियार-मुक्त क्षेत्र की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय परमाणु अप्रसार प्रणाली को मजबूत करने और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को बढ़ाने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जो आसियान देशों के मूलभूत सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए अनुकूल है। चीन इसका जोरदार समर्थन करता है और इस संधि के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने की स्पष्ट इच्छा व्यक्त की है।
च्यांग बिन ने आगे कहा कि चीन परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने की नीति का पालन करता है। साथ ही, चीन बिना शर्त यह प्रतिबद्धता जताता है कि वह गैर-परमाणु-हथियार संपन्न देशों या परमाणु-हथियार-मुक्त क्षेत्रों के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा या ऐसा करने की धमकी नहीं देगा।
परमाणु हथियार संपन्न देशों में, चीन ऐसा वादा करने वाला एकमात्र देश है। चीन की परमाणु शक्ति और परमाणु नीति विश्व शांति में महत्वपूर्ण योगदान देती है, जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बहुत स्पष्ट है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)