क्या चीन ने 25 अक्टूबर को थाईवान की बहाली स्मृति दिवस निर्धारित किया?
सारांश
Key Takeaways
- थाईवान की बहाली एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना है।
- चीन का एकता और देशभक्ति पर जोर।
- स्मृति दिवस के आयोजन के माध्यम से ऐतिहासिक संघर्ष की याद।
- जन प्रतिनिधि सभा का निर्णय एक महत्वपूर्ण कानूनी पहल है।
- भविष्य में दोनों तटों के बीच संबंधों को मजबूत करने का प्रयास।
बीजिंग, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 14वीं चिनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी समिति के 18वें सत्र ने 24 अक्टूबर को मतदान द्वारा थाईवान की बहाली स्मृति दिवस को स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके अनुसार, कानूनी रूप से 25 अक्टूबर को थाईवान की बहाली स्मृति दिवस मानने का कार्य किया जाएगा और देश विभिन्न तरीकों से इस अवसर पर स्मृति गतिविधियाँ आयोजित करेगा।
इस निर्णय में कहा गया कि वर्ष 1945 में थाईवानी भाइयों सहित चीनी जनता ने कठिन संघर्ष कर चीन के जापानी अतिक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवादी युद्ध में विजय प्राप्त की। इस प्रकार थाईवान पुनः मातृभूमि की गोद में लौट आया। थाईवान की बहाली चीनी जनता के जापानी अतिक्रमण विरोधी युद्ध में विजय की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो थाईवान पर चीन सरकार की प्रभुसत्ता की बहाली का ठोस सबूत है। यह थाईवान के चीन का एक भाग होने के ऐतिहासिक तथ्यों और कानूनी सिद्धांतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दोनों तटों के भाइयों का साझा गौरव और समग्र चीनी लोगों की स्मृति का प्रतीक है।
विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध में मिली विजय और युद्ध के बाद के अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की सुरक्षा, एक चीन सिद्धांत को बनाए रखते हुए देश की प्रभुसत्ता, एकता और प्रादेशिक अखंडता की सुरक्षा का दृढ़ संकल्प दर्शाता है। यह दोनों तटों के भाइयों की समान राष्ट्रीय ऐतिहासिक याद को मजबूत करने, देशभक्ति का प्रचार करने, और दोनों तटों के भाइयों को नए युग में राष्ट्रीय पुनरोत्थान और पुनरेकीकरण में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है। इसी संदर्भ में, चीन लोक गणराज्य के संविधान के अनुसार, 14वीं राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के 18वीं बैठक ने थाईवान की बहाली स्मृति दिवस को स्थापित करने का निर्णय लिया।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)